भिंड 'पेशाब कांड' से हड़कंप: दलितों पर जुल्म में तीसरे नंबर पर MP, हर घंटे 6 अत्याचार-NCRB

मध्यप्रदेश में दलितों से अत्याचार की घटनाएं फिर बढ़ीं हैं. हाल ही में भिंड में दलित ड्राइवर को अगवा कर पेशाब पिलाया गया. इससे बहस तेज हो गई है. जानिए क्यों NCRB डेटा में MP तीसरे नंबर पर है, जहां हर घंटे 6 दलित अत्याचार सहते हैं.

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Gwalior Dalit Driver Urinate Case: हाल के दिनों में मध्य प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अमानवीय घटनाओं की बाढ़ आ गई है. एक तरफ भिंड में एक दलित ड्राइवर को ड्राइविंग छोड़ने की सज़ा देने के लिए अगवा कर बेरहमी से पीटा गया और जबरन पेशाब पिलाया गया, वहीं दूसरी तरफ पिछले हफ्ते कटनी में अवैध खनन के विरोध पर दलित युवक के चेहरे पर पेशाब करने का मामला सामने आया था. इसी तरह दमोह में ही बीते दिनों एक युवक को जूते की माला पहनाने व पैर धोकर पानी पीने की सज़ा की घटना हुई थी. इसी महीने हुई ये तीनों घटनाएं बता रही हैं कि देश का दिल कहे जाने वाला मध्य प्रदेश दलितों को लेकर कितना बेदर्द हो गया है. NCRB के आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं. जिसके मुताबिक दलित अत्याचार के मामलों में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है. लिहाजा पहले ये जान लेते हैं कि NCRB का डेटा क्या कहता है फिर इस रिपोर्ट में संबंधित घटनाओं को करीब से समझने की कोशिश करेंगे.

मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति पर अत्याचार के मामलों को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2023 के आंकड़े हालात की गंभीरता को बताते हैं. 

क्या है ग्वालियर-भिंड की घटना?

मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्याचार का ताजा मामला भिंड से आया है. हुआ यूं कि यहां एक दलित ड्राइवर को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया और बेरहमी से पीटने के बाद उसे जबरन पेशाब पिलाने का अमानवीय कृत्य किया गया. पीड़ित ड्राइवर ने 'ड्राइविंग छोड़ने' की वजह से हैवानियत किए जाने का आरोप लगाया है.

इस मामले में राज्य के कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि "पीड़ित ने बताया मुझे मारा और मारने के बाद किडनैप करके ग्वालियर से लेकर आए. पुलिस ने छुड़ाया. पेशाब पिलाने की बात बताई है. सारी चीजें पुलिस की जांच में हैं."

दलित ड्राइवर ने भी पुलिस को जो बताया वो खौफनाक है. उसके मुताबिक तीन आरोपी – सोनू बरुआ, आलोक पाठक और छोटू ओझा – उसे गाड़ी में बैठा कर ले गए. रास्ते भर उसकी पिटाई की गई. ड्राइवर का कहना है कि उसे बंदूक और पाइप से मारा गया. उसका आरोप है कि "बोतल में बाथरूम करके पिलाया गया." ड्राइवर के मुताबिक, उसे 2 दिन पहले सोनू का फोन आया था कि मेरी गाड़ी चलाओ, लेकिन मना करने पर उसे गालियां दी गईं और बाद में 3 लोग घर में आकर दबोच लिए.

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कटनी में अवैध खनन के विरोध पर पिटाई

वैसे राज्य में अमानवीयता की यह अकेली घटना नहीं है. पिछले हफ्ते अवैध खनन का विरोध करने पर कटनी में एक दलित युवक की पिटाई की गई. आरोपियों पर कथित तौर पर युवक के चेहरे पर पेशाब करने का भी आरोप है. इस मामले में सरपंच समेत चार आरोपियों पर SC/ST एक्ट और बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है. एएसपी संतोष डेहरिया ने बताया कि पंचायत की सीलिंग के दौरान 13 तारीख को मारपीट हुई थी, जिसका मुकदमा 16 को दर्ज किया गया.

दमोह में पैर धोकर पानी पिलाया

दमोह के सतरिया गांव में शराबबंदी को लेकर हुए विवाद में एक युवक को जूते की माला पहनाने और फिर 'अन्नू पांडे के पैर धोकर, वही पानी पीने' की अमानवीय सज़ा दी गई. बाद में इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर आरोपियों के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिये. वैसे इन घटनाओं से जुलाई 2023 का सीधी कांड भी याद आ जाता है, जब बीजेपी से जुड़े प्रवेश शुक्ला का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह एक आदिवासी युवक पर शराब के नशे में पेशाब करते हुए दिखाई दिए थे. उस मामले ने भी पूरे देश में आक्रोश पैदा किया था. अब सरकार आश्वासन दे रही है कि दोषियों को किसी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. देखा जाए तो जो मामले चर्चा में आते हैं उन पर एक्शन भी होता है लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि ये घटनाएं रुक नहीं रहीं.

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