Air Marshal Ajay Kumar Arora: भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल अजय कुमार अरोड़ा को भारत सरकार का अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जाएगा. इस घोषणा के बाद से ही ग्वालियर में परिवार से लेकर आम लोगों में हर्ष का माहौल है. उनके परिजनों का कहना है कि इस सूचना के बाद बहुत ही गर्व का अनुभव हो रहा है. एयर मार्शल अरोड़ा वर्तमान में दिल्ली मुख्यालय में महानिदेशक (डीजी ) विमानन के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं.
ग्वालियर में जन्में और पढ़े हैं अरोड़ा
अति विशिष्ट सेवा मेडल पाने वालों में शामिल किए गए एयर मार्शल अजय अरोड़ा (Ajay Kumar Arora) का ग्वालियर से काफी गहरा नाता है. दरअसल, अजय अरोड़ा का जन्म ग्वालियर में हुआ. वहीं उनकी प्राथमिक शिक्षा मुरार के सेंट पॉल और मिस हिल्स स्कूल में हुई. उन्होंने ग्वालियर के ही माधव इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड साइंस (MITS) से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद 3 दिसम्बर, 1986 को एयरफोर्स जॉइन किया था. एयर मार्शल अरोड़ा ने एयरफोर्स की कठिन नौकरी के बावजूद आगे पढ़ने की अपनी तमन्ना को पूरा किया. उन्होंने सेवा के साथ-साथ ही IIT खड़गपुर से एम टेक और पूना विश्वविद्यालय से PHD की और फिर यूएस जाकर मास्टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (MBA) भी किया. बता दें कि अजय कुमार अरोड़ा के परिवार अभी भी ग्वालियर में रहते हैं.
डिफेन्स से जुड़ा रहा है परिवार
अजय कुमार अरोड़ा के बड़े भाई अश्विनी अरोड़ा बताते है कि अजय बचपन से ही मेधावी स्टूडेंट रहा है. वो स्कूल के समय से ही तय कर रखा था कि उन्हें एयरफोर्स ही जॉइन करना है. हमारे पापा भी आरपी अरोड़ा मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस असिस्टेंट में रहे. परिवार का जुड़ाव डिफेंस में था. इसलिए अजय ने एयरफोर्स में जाने की ठानी. जय अरोड़ा गोल्फ के बेस्ट प्लेयर भी हैं.
यह सम्मान मिलने पर उनकी भाभी बहुत खुश नजर आईं. उन्होंने बताया कि उनका देवर परिवार का गौरव है. जैसे ही उनका नाम अति विशिष्ट सेवा पदक के नाम पर घोषित हुआ तो परिवार में जश्न का माहौल हो गया. रिश्तेदारों और लोगों से बधाईयां मिल रही है.
भाई को बोला था मेडल उन्हें मिलेगा
अजय अरोड़ा के भाई अश्विनी अरोड़ा कहते है कि वो पिछले सप्ताह ही मिलने के लिए ग्वालियर आए थे तब हमने पूछा था कि भाई तुम्हारा एवीएसएम (अति विशिष्ट सेवा मेडल) कब आएगा तो उन्होंने कहा था कि आपका आशीर्वाद रहा तो जल्दी ही आएगा और जैसे ही यह अनाउंसमेंट हुआ तो उन्होंने कॉल कर बताया कि आपका आशीर्वाद लेकर आया था और मेडल मिलने का अनाउंस हो गया. अश्विनी अरोड़ा कहते हैं कि उन्हें एयरफोर्स में जाने को ऐसी जिद और जुनून था कि उन्होंने पिता को बताए बगैर ही इसकी नौकरी के लिए आवेदन कर दिया था और तब तक नहीं बताया जब तक कि उन्होंने नौकरी जॉइन नहीं कर ली. उन्हें लगता था कि वो मना न कर दें.
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