यहां शिक्षा के मंदिर के बाहर सजती है शराबी और जुआरियों की महफिल, डर और असुरक्षा का माहौल

Government Primary School In Guna : गुना जिले में स्कूलों की हालत काफी जर्जर है. सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर बड़े सावल खड़े हो रहे हैं. स्कूल के बाहर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग रहा है. शराब पी जा रही है. जुआरी जुआ खेल रहे हैं, मामला गोकुल सिंह चक पर स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है. 

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MP Government School : मध्य प्रदेश के गुना में गोकुल सिंह चक पर स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय के हालात  काफी बदतर हैं. NDTV की टीम मौके पर पहुंचकर छात्रों और स्कूल के शिक्षकों से बात की. स्कूली समस्याएं जानी. दरअसल, गोकुल सिंह चक के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक क्लास संचालित की जाती हैं, जिसमें कुल मिलाकर 103 बच्चे दर्ज हैं. बिल्डिंग के नाम पर दो भवन हैं, जो जर्जर हालत में हैं. छत से प्लास्टर टपक रहा है, स्कूल की नींव भी दरकने लगी है.

स्कूल का स्टाफ भी परेशान

छात्रों के लिए स्कूल परिसर में एक हैंडपंप भी लगा है. लेकिन इसका उपयोग मोहल्ले के लोग अपने निजी कार्यों की पूर्ति के लिए करते हैं. हैंडपंप पर लोग कपड़े धोते हैं,निर्वस्त्र होकर नहाते भी हैं. पास में स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार करने के बाद इस हैंडपंप पर बैठकर लोग नहाते हैं, और मुंडन भी कराते हैं. ये सब देखकर स्कूल का स्टाफ भी परेशान है.

इस वजह से शौचालय में लटका ताला 

स्कूल में बाउंड्री नहीं है, जिसके चलते सरकारी स्कूल असामाजिक तत्वों के लिए रेस्ट हाउस की तरह है. शराबी और जुआरियों का जमावड़ा भी स्कूल की बिल्डिंग के पास बना रहता है. बच्चियां शौचालय का उपयोग नहीं कर पाती. क्योंकि बालिका शौचालय के पास शराबी जुआरी बैठे रहते हैं. इसलिए शौचालय में ताला लगाकर रखना पड़ता है.

करेंट का खतरा 

यदि किसी छात्रा को शौचालय जाना होता है, तो सुरक्षाकर्मी बनकर क्लास टीचर शौचालय तक साथ जाती हैं. स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं को खेलने के लिए ऐसी जगह जहां गड्ढे ही गड्ढे हैं, आप वीडियो में देख सकते हैं, हर कभी छात्र छात्राएं गिरकर घायल होती हैं. परिसर में ही एक बिजली का खंभा लगा हुआ जिससे करंट का खतरा हमेशा बना ही रहता है.

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जानें क्या बोले अधिकारी

तृष्णा श्रीवास्तव प्राचार्य कहते हैं कि  स्कूल स्टाफ द्वारा बिल्डिंग की जर्जर हालत को सुधारने और बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए वरिष्ठ कार्यालय में प्रतिवेदन भी भेजा गया लेकिन नतीजा सिफर रहा. इस मामले पर ऋषि कुमार शर्मा (डीपीसी) अधिकारियों का कहना है कि बिल्डिंग की हालत खराब है इसमें कोई शक नहीं, जब ये बिल्डिंग बनी थी उस वक्त गलत जगह का चयन किया गया था.

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