MP News in Hindi : मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में लापरवाही अपने चरम पर है. जिला मुख्यालय में महिला बाल विकास विभाग के गोदाम का हाल बेहद खराब है. यहां रखे उपकरण, किताबें और सरकारी दस्तावेज लंबे समय से लापरवाही का शिकार हो रहे हैं. गोदाम में जरूरी सामान बर्बाद हो रहा है लेकिन अधिकारी स्थिति सुधारने की बजाय गोलमोल जवाब देकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं. यहां सालों से गोदाम में सामान पड़ा हुआ है. गोदाम में आंगनवाड़ी केंद्रों में इस्तेमाल होने वाले हाइट नापने वाले स्टेडियोमीटर, वाटर फिल्टर में लगने वाले कैंडल, बोर्ड और किताबें पड़ी हुई हैं. रखरखाव के अभाव में ये सामान धीरे-धीरे खराब हो रहा है. गोदाम के अंदर सरकारी दस्तावेजों का भी ढेर लगा है, जो अब कूड़े में बदल चुका है. यहां पर मौजूद सामान की कीमत लाखों में आंकी जा रही है.
जनवरी 2024 में आए स्टेडियोमीटर, लेकिन...
महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी श्याम सिंगोरे के मुताबिक, जनवरी 2024 में जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों में वितरित करने के लिए हाइट नापने वाले स्टेडियोमीटर मंगवाए गए थे. इनमें से कुछ को वितरित कर दिया गया जबकि बाकी गोदाम में रखे हैं. अधिकारी का कहना है कि इन्हें मांग के आधार पर वितरित किया जाएगा.
बचे हुए सामान का कोई हिसाब नहीं
गोदाम में रखे वाटर फिल्टर के कैंडल, बोर्ड और किताबों को लेकर अधिकारी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे. ये सामान कब और कैसे इस्तेमाल होगा ? इसे लेकर इसकी कोई जानकारी नहीं है. इससे साफ है कि विभाग के पास सामान के प्रबंधन और रखरखाव की उचित व्यवस्था नहीं है.
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गोदाम की हालत देखकर साफ है कि महिला बाल विकास विभाग अपने संसाधनों का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पा रहा. जो सामान आंगनवाड़ी केंद्रों और बच्चों के काम आ सकता था, वह गोदाम में धूल खा रहा है. सरकारी दस्तावेजों का कूड़े में बदल जाना भी गंभीर लापरवाही का संकेत देता है. अधिकारियों से जब गोदाम की दुर्दशा पर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्थिति सुधारने की कोई ठोस योजना नहीं बताई. गोलमोल जवाब देकर वे जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए.