Good News: गौशाला संचालकों के अच्छे दिन, मोहन सरकार ने दोगुनी की गौशालाओं को दी जाने वाली आर्थिक मदद

Cowshed Government Aide Doubled: नई घोषणा के बाद अब प्रदेश में संचालित सभी पंजीकृत पशु आश्रयों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को 20 रुपए प्रति पशु प्रतिदिन को 40 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है. मोहन कैबिनेट ने इसके साथ ही निराश्रित पशुओं से निपटने के लिए एक नीति को भी मंजूरी दे दी है

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MP Cabinet doubled aide for MP Cowshed
भोपाल:

MP Cowshed: सीएम डा. मोहन यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार प्रदेश में गौशाला चलाने वालों को दी जाने वाली आर्थिक मदद दोगुनी करने की घोषणा की है. मंगलवार को मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सभी पंजीकृत पशु आश्रयों को दी जाने वाली सरकारी सहायता राशि को 20 रुपए प्रति पशु प्रति दिन से दोगुना करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 

नई घोषणा के बाद अब प्रदेश में संचालित सभी पंजीकृत पशु आश्रयों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को 20 रुपए प्रति पशु प्रतिदिन को 40 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है. मोहन कैबिनेट ने इसके साथ ही निराश्रित पशुओं से निपटने के लिए एक नीति को भी मंजूरी दे दी है. 

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मंत्रिमंडल की बैठक में गोआश्रय प्रतिष्ठान नीति, 2025 को मंजूरी दी गई

गौरतलब है मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गोआश्रय प्रतिष्ठान नीति, 2025 को मंजूरी दी गई, जिसका उद्देश्य निराश्रित गायों की समस्या से निपटना है. अधिकारियों ने बताया कि इस नीति का क्रियान्वयन पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा किया जाएगा.

सहायता को 20 रुपए प्रति पशु प्रति दिन से बढ़ाकर 40 रुपए किया गया

पंजीकृत गौशालाओं की सरकारी सहायता राशि बढ़ाने पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंजीकृत गाय आश्रयों के लिए सरकारी सहायता को 20 रुपए प्रति पशु प्रति दिन से बढ़ाकर 40 रुपए करने का फैसला किया ताकि इस तरह की और सुविधाओं की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा सके.

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गौशालाओं की आर्थिक सहायता में वृद्धि मुख्यमंत्री यादव द्वारा की गई उस घोषणा के अनुसार है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार गोरक्षा और संवर्धन के साथ ही उन्हें उचित देखभाल और भोजन प्रदान करके मवेशियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

'मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना' बना 'डॉ आंबेडकर पशुपालन विकास योजना

उल्लेखनीय है मोहन कैबिनेट ने  'मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना' का नाम बदलकर 'डॉ आंबेडकर पशुपालन विकास योजना' करने के एक और प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस योजना का उद्देश्य पशुपालन व डेयरी संबंधित गतिविधियों में रोजगार के नए अवसर पैदा करना, उत्पादकता बढ़ाना, किसानों की आय बढ़ाना और जीडीपी में राज्य के योगदान को बढ़ाना है.

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