MP में लाएंगे जंगली गैंडे व जीराफ; वन मेले में CM मोहन मोहन यादव ने कहा- वन, वनोपज-वन्य प्राणी हमारी पहचान

Bhopal Van Mela: सीएम मोहन यादव ने वन मेले में कहा कि "प्रदेश सरकार वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्य की संख्या बढ़ा रही है. वर्ष 2026 में रानी दुर्गावती के नाम पर बनने जा रहे नौरादेही अभयारण्य में चीतों को बसाया जाएगा. मध्यप्रदेश में शीघ्र ही जंगली गैंडे और जिराफ लाये जायेंगे."

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Bhopal Van Mela: MP में लाएंगे जंगली गैंडे व जीराफ; वन मेले में CM मोहन मोहन यादव ने कहा- वन, वनोपज-वन्य प्राणी हमारी पहचान

MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में 17 से 23 दिसंबर तक आयोजित हो रहे अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के शुभारंभ करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि "इस वन मेले का पूरे प्रदेश को इंतजार रहता है. आज लघु वनोपज के अनेक उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं. जब एलोपैथिक दवाएं आराम न दे तो लोग आयुर्वेद की शरण में जाते हैं. हमारे घर-घर में आयुर्वेदिक नुस्खों का भंडार है. वर्तमान परिदृश्य में मेडिकल साइंस तो प्रशंसनीय है लेकिन आयुर्वेदिक उत्पादों का भी अपना अलग महत्व है. कोरोनाकाल में आयुर्वेदिक काढ़ा दुनिया के लिए अमृत के समान था. हमारी सरकार भी आयुर्वेद चिकित्सा एवं योग को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है. प्रदेश में पहले केवल 7 शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय थे, पिछले एक साल में हमने 8 नए शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले गये हैं."

जल्दी आएंगे जीराफ और गेंडे : CM मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों, जिला यूनियनों एवं अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है. तेंदूपत्ता सहित अन्य वनोपज का संग्रहण करने वालों को इन पर बोनस देकर आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. प्रदेश सरकार ने ट्राईफेड के माध्यम से 32 लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 25 प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है. प्रदेश सरकार वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्य की संख्या बढ़ा रही है. वर्ष 2026 में रानी दुर्गावती के नाम पर बनने जा रहे नौरादेही अभयारण्य में चीतों को बसाया जाएगा. मध्यप्रदेश में शीघ्र ही जंगली गैंडे और जिराफ लाये जायेंगे.

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मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि वन मेले में प्रदेश के जिला यूनियन, वन, वन धन केन्द्र, जड़ी-बूटी संग्राहक, उत्पादक, आयुर्वेदिक औषधि निर्माता, परम्परागत भोजन सामग्री के निर्माता एवं विक्रेतागण अपने उत्पादों का प्रदर्शन और विक्रय करेंगे. मेले में 10 शासकीय स्टॉल, 24 अन्य राज्यों के स्टॉल, 16 प्रदर्शनी के स्टॉल, 136 प्रायवेट स्टॉल, 26 फूड स्टॉल, जिनमें अलीराजपुर का दालपानिया, छिंदवाड़ा की वन रसोई, बाँधवगढ़ की गोंडी व्यंजन का स्वाद मिलेगा.

वहीं वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में वन विभाग लघु वनोपज के माध्यम से छोटे उधमियों को भी समृद्ध कर रहा है. उन्होंने कहा कि उज्जैन में भी वन मेले का आयोजन किया जायेगा. वहीं, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित डॉ. समीता राजौरा ने कहा कि मध्यप्रदेश वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण में देश में अग्रणी स्थान हासिल कर चुका है. वन हमारी प्राकृतिक जीवनशैली का आधार हैं. वन मेले की शुरुआत 2001 में की गई थी.

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