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This Article is From Jan 28, 2024

Farmer Suicide: किसानों की आत्महत्या पर भड़के कमलनाथ, बोले-हमारी इस योजना को बंद करने से बढ़ी वारदात

Farmer Suicides: कमलनाथ ने ट्वीट में लिखा है कि "केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ वर्ष 2022 में देश में 11290 किसानों ने आत्महत्या की है. वहीं, वर्ष 2021 में 10281 किसानों ने अपनी जान दी थी. वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में किसान आत्महत्या में 3.7% की वृद्धि हुई है. इसके अलावा एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में प्रतिदिन 154 किसान आत्महत्या करते हैं.

Farmer Suicide: किसानों की आत्महत्या पर भड़के कमलनाथ, बोले-हमारी इस योजना को बंद करने से बढ़ी वारदात

Farmer Suicides in India: एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार देश में प्रतिदिन 154 किसान आत्महत्या कर मौत को गले लगा रहे हैं. इस खबर के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) भाजपा (NJP) की केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

केंद्र सरकार और एनसीआरबी की ओर से किसानों की आत्महत्या को लेकर जारी किए आंकड़ों का हवाला देकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों को घेरा है. साथ ही उन्होंने अपने 15 महीने की सरकार में किसानों के हित में किए गए काम और उनकी कर्ज माफी को याद करते हुए कहा कि उनकी कर्ज़माफ़ी की वजह से किसानों की आत्महत्या दर कमी आई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने किसान कर्ज माफी योजना बंद कर दी है, जिसकी वजह से फिर से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं.

केंद्र के आड़कों आधार पर किया हमला

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2022 में 11290 किसानों के आत्महत्या करने की जानकारी के साथ ही एनसीआरबी की ओर से देश में प्रतिदिन 154 किसानों के आत्महत्या करने की जानकारी को आधार बनाते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है. कमलनाथ ने ट्वीट में लिखा है कि "केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ वर्ष 2022 में देश में 11290 किसानों ने आत्महत्या की है. वहीं, वर्ष 2021 में 10281 किसानों ने अपनी जान दी थी. वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में किसान आत्महत्या में 3.7% की वृद्धि हुई है. इसके अलावा एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में प्रतिदिन 154 किसान आत्महत्या करते हैं.

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किसानों की आत्महत्या के लिए भाजपा की नीति जिम्मेदार

उन्होंने आगे लिखा कि हमारी अल्पकालिक सरकार ने मध्य प्रदेश के 27 लाख किसानों का कर्जा माफ कर किसान आत्महत्या पर अंकुश लगाने में सफलता पाई थी, लेकिन बाद की सरकारों ने कर्जमाफी योजना को बंद कर किसानों का जीवन फिर संकट में डाल दिया. उन्होंने लिखा कि मैं हमेशा कहता हूं कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है, जब किसानों की जेब में पैसा होता है, तब ही हाट-बाज़ारों में रौनक़ होती है, क्योंकि इससे क्रय शक्ति बढ़ती है. लिहाजा, आज ज़रूरत है कि हम किसानों को सिर्फ़ वोट का ज़रिया नहीं समझें. उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए कारगर कदम उठाए और देश को खुशहाल किसान, ख़ुशहाल खलिहान की तरफ़ ले जाएं."

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