
Bakra Eid 2025: ईद उल अजहा (Eid al-Adha 2025) को लेकर मुस्लिम समाज ने तैयारियां तेज कर दी हैं. बकरीद (Bakrid 2025) को लेकर मध्यप्रदेश में एडवाइजरी जारी कर दी गई है. ये एडवाइजरी मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड (Madhya Pradesh Waqf Board) की ओर से जारी की गई है. इसमें कुर्बानी (Qurbani) के लिए नियमों और कानून का सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश दिए गए है. बोर्ड ने एडवाइजरी में कहा सड़क पर नमाज (Namaz) बिना प्रशासन की अनुमति के ना पढ़ी जाए. कुर्बानी को लेकर भी नियमों का ध्यान रखा जाए. आइए जानते है क्या कुछ है दिशा निर्देश में.
कुर्बानी को लेकर रखे ध्यान
एडवाइजरी के अनुसार बकरीद को लेकर ये बातें कही गई हैं.
- कुर्बानी की जगह को चारों तरफ से दीवार या टीनशेड से बंद रखें, उस जगह आवश्यक दवाईयों का छिड़काव कराया जाए.
- साफ सफाई का ध्यान रखा जाना अपनी धार्मिक एवं नैतिक ज़िम्मेदारी समझें.
- कुर्बानी के लिये चयनित स्थानों पर ही कुर्बानी करें, उसे भली भांति ढंक कर अपने स्थान तक ले जायें.
- कुर्बानी के जानवर की अनुपयोगी चीजों को सुरक्षित एवं नगर निगम/पालिका द्वारा रखे कन्टेनर अथवा चयनित जगहों पर ही डालें.
- प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी किसी भी सूरत में न करें एवं सरकारी आदेशों का पूरी से पालन करें.
- कुर्बानी का कोई विडियों और ऑडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल न करें.
- ईद की नमाज़ केवल ईदगाह के अन्दर एवं मस्जिद परिसर में ही पढ़ें.
- गैर ज़रूरी तौर पर सड़कों में नमाज अदा करने से बचें.
- ज़रूरत महसूस होने पर स्थानीय प्रशासन को भरोसे में लेकर ईद की नमाज अदा करें.
वक्फ बोर्ड ने कहा कि प्रदेश के सभी कलेक्टर्स और जिला दण्डाधिकारियों द्वारा ईदुल अज़हा (कुर्बानी) के त्योहार को सफल बनाने की दृष्टि से जारी एडवाइजरी का सख्ती से पालन करें एवं इस से आमजन को बाखबर कराए, ताकि राज्य शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित हो सके.
यह भी पढ़ें : Eid al-Adha 2025: ईद से पहले भोपाल में सुल्तान-ताज समेत 50+ बकरे चोरी, पुलिस परेशान, देखिए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
यह भी पढ़ें : IRCTC से टिकट बुक करते हैं तो तुरंत करें ये काम, रेल मंत्री ने कहा-आधार लिंक करने के मिलेंगे ये फायदे
यह भी पढ़ें : Gram Chikitsalay: बालाघाट के इस गांव में कैसे बनेंगे आरोग्य! यहां अस्पताल तो है डॉक्टर नहीं, दवा का क्या?
यह भी पढ़ें : Ram Mandir: अधोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा, जन्मभूमि परिसर में हो रहे हैं अनुष्ठान