जब 8वीं के छात्र नहीं पढ़ पाएंगे हिंदी... तो MP में कैसे होगा शिक्षा का विकास ?

Educational Crisis in MP : शहडोल (Shahdol) जिले में शिक्षा का स्तर इस कदर गिरा हुआ है कि सरकारी मिडिल स्कूल के कक्षा 7वीं और 8वीं के ज़्यादातर बच्चे ठीक से हिंदी की किताब भी नही पढ़ पाये.

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Madhya Pradesh News in Hindi : शहडोल (Shahdol) जिले में शिक्षा का स्तर इस कदर गिरा हुआ है कि सरकारी मिडिल स्कूल के कक्षा 7वीं और 8वीं के ज़्यादातर बच्चे ठीक से हिंदी की किताब भी नही पढ़ पाये. शहडोल के कमिश्नर बी एस जामोद ने आज जिले के स्कूलों की अचानक निरीक्षण का फैसला किया. इस दौरान जब वो पंचगांव स्कूल गए तो वहां पर पढ़ाई का जो स्तर देखने को मिला उसे देखकर अब हर कोई हैरान है. दरअसल,  शहडोल जिले में शिक्षा सत्र की सुरुआत होते ही अधिकारियों के निरीक्षण से गायब रहने वाले शिक्षकों पर सस्पेंशन की गाज गिरनी शुरू हो गई है.

100 में 12 का भाग नहीं निकाल पाए बच्चे

शहडोल जिले के पंचगांव मिडिल स्कूल में आज शहडोल कमिश्नर बी एस जामोद ने अचानक निरीक्षण किया. शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही स्कूल से 3 शिक्षक गायब मिले जिन्हें कमिश्नर ने तत्काल सस्पेंड कर दिया. शिक्षिको की मनमानी पर उन्हें सस्पेंड किया गया. वहीं, पढ़ाई का निम्न स्तर होने पर हेड मास्टर भी सस्पेंड हो गए. जानकारी के ली लिए बता दें कि इस मिडिल स्कूल में 9 शिक्षक पदस्थ है. जब स्कूल में मौजूद 7वीं और 8वीं के बच्चे सही ढंग से हिंदी की किताब भी नही पड़ पाए.... तो बच्चो से 100 में 12 का भाग देने के लिए कहा गया लेकिन क्लास का एक भी बच्चा इसे हल करके नहीं दिखाया.

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कमिश्नर के आदेश के बाद काटी गई सैलरी

शिक्षा का स्तर दयनीय निम्न स्तर होने पर हेडमास्टर साब भी निलंबन की चपेट में आ गए. कल हुए प्रवेश उत्सव में विद्यालय के शिक्षकों ने अभिवावकों को भी नहीं बुलाया था. ये बातें भी बच्चो से पूछने पर सामने आई. वहीं, हाइस्कूल बन्धवाबड़ा में स्कूल में शिक्षक तो मौजूद रहे लेकिन बच्चे एक भी नहीं आये थे. प्रवेश उत्सव की समुचित जानकारी और की गई गतिविधियो के बारे में कोई ठोस जबाब न देने पर कमिश्नर ने स्कूल में मौजूद तीनों शिक्षको का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए. जबकि निरीक्षण में होस्टल में भी काफी अनियमितता देखने को मिली.

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