Dussehra: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा (Dussehra) देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. दशहरे पर रावण का पुतला दहन करने की परंपरा है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी दशहरा यानी विजयादशमी की तैयारियां ज़ोरों-शोरों से चल रही हैं. भोपाल के बांसखेड़ी इलाके में रावण बनाने की तैयारी की जा रही है. यहां कई बड़े-छोटे रावण के पुतले तैयार किए गए हैं.
साल भर पहले से की जा रही रावण बनाने की तैयारी
भोपाल के बांसखेड़ी में रावण बना रही कारीगर बबीता ने बताया कि इसके लिए एक साल पहले से लगातार मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर दशहरा के समय तक रावण तैयार हो पाते हैं. छोटे रावण को बनाने में काफी समय लगता है. पहले लकड़ी का पुतला बनाकर उस पर रद्दी पेपर लगाते हैं. नवरात्रि आते ही उसे रंगीन करने लगते हैं. लोग बड़े से ज्यादा छोटे रावण को खरीदना पसंद करते हैं.
उन्होंने बताया कि बीते 2 साल में बारिश के कारण बहुत नुकसान हुआ है. उसके बाद लगातार महंगाई बढ़ने के कारण मुनाफा अधिक नहीं हो पा रहा है. रावण का पुतला बनाने के लिए जिस बांस का प्रयोग किया जाता है वह भी बहुत महंगा हो गया है. ये बांस असम से मंगवाए जाते हैं. कारीगरों का कहना है कि बड़े रावण को बनाने में अधिक समय लगता है लेकिन छोटे रावण ज्यादा खरीदे जाते हैं.
भोपाल के इन मैदानों में होता है रावण दहन
राजधानी भोपाल में रावण दहन का त्यौहार बड़ी धूमधाम से सालों से मनाया जा रहा है. भोपाल के झोला मैदान, BHEL दशहरा मैदान, कोलार दशहरा मैदान, टीटी नगर दशहरा मैदान, कलियासोत मैदान, जम्बूरी मैदान में दशहरा मुख्य रूप से मनाया जाता है, जिसे देखने के लिए हज़ारों की संख्या में लोग आते हैं. इनके अलावा कई छोटी-बड़ी जगहों पर भी रावण दहन किया जाता है.
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