Dussehra 2024: MP में धूमधाम से मनेगा दशहरा, विजयादशमी पर CM मोहन इंदौर-महेश्वर में करेंगे शस्त्र पूजन

Sashtra Puja Muhurat: सीएम ने शस्त्र पूजा को लेकर कहा है कि अहिल्याबाई ने होलकर साम्राज्य को संभाला. उन्होंने शक्ति का प्रदर्शन करते हुए बहनों में आत्मविश्वास बढ़ाया. बहनों की सेना बनाना और आत्मरक्षा के लिए लोगों में अलख जगाना बड़ी बात है. आज हम उनकी 300वीं जयंती मना रहे हैं ऐसे में शस्त्र पूजा का इससे बेहतर समय क्या हो सकता है?

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Happy Vijayadashami 2024: लोकमाता अहिल्याबाई होलकर (Lokmata Ahilyabai Holkar) की 300वीं जयंती और विजयादशमी (Vijayadashami) के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) शस्त्र-पूजन (Shastra Puja MP) कार्यक्रम में शामिल होंगे. दशहरा (Dussehra 2024) उत्सव के दौरान सीएम मोहन ने प्रदेशव्यापी शस्त्र पूजन का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. लोकमाता देवी अहिल्याबाई के 300वें जयंती वर्ष पर नारी शक्ति को समर्पित विजयादशमी के त्योहार पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेशव्यापी "शस्त्र पूजन" कार्यक्रम होगा. सीएम मोहन यादव महेश्वर और इंदौर (Indore) में शस्त्र पूजा करेंगे.

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सरकार ने जारी किए हैं निर्देश

मध्य प्रदेश सरकार ने देवी अहिल्याबाई के महिला सशक्तिकरण के उल्लेखनीय कार्यों की स्मृति में विजयादशमी के पावन पर्व पर मंत्रीगण अपने प्रभार के अथवा विधानसभा क्षेत्र के जिले में, सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के जिले में एवं विधानसभा सदस्य अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में शस्त्र पूजन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए निर्देश जारी किए हैं.

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस वर्ष दशहरा पर्व, शस्त्र पूजन के साथ मनाया जाएगा. सभी मंत्री अपने प्रभार के जिलों के पुलिस शस्त्रागार में शस्त्र पूजन करेंगे.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव स्वयं स्त्री शक्ति और सामर्थ्य को नमन के प्रतीक स्वरूप लोकमाता अहिल्या देवी की राजधानी महेश्वर में दशहरे पर शस्त्र पूजन करेंगें. NDTV को दिए गए इंटरव्यू में सीएम ने कहा था कि आज से 300 साल पहले अहिल्या महारानी का जन्म होता है. उन्होंने होलकर साम्राज्य को संभाला और उन्हें प्रदेश ही नहीं देश में भी सम्मान के साथ देखा जाता है. उन्होंने शक्ति का प्रदर्शन करते हुए बहनों में आत्मविश्वास बढ़ाया. ये वो दौर था जब महिलाओं का सैनिक बनना ही कठिन था. ऐसे में सेना बनाना और आत्मरक्षा के लिए लोगों में अलख जगाना बड़ी बात है. आज हम उनकी 300वीं जयंती मना रहे हैं ऐसे में शस्त्र पूजा का इससे बेहतर समय क्या हो सकता है?

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