MP News: आदमी है या सुपरमैन, अकेले ही निभा रहा है शिक्षक, चपरासी, क्लर्क और प्रिंसिपल की जिम्मेदारी...गजब

MP News: NDTV से बात करते हुए शिक्षक पंचम सिंह ने बताया की पिछले शिक्षण सत्र तक स्कूल में उनके समेत दो शिक्षक थे तब किसी तरह ठीक से स्कूल का संचालन हो जाता था लेकिन इस वर्ष वे अकेले रह गए हैं और उनके एक हाथ में दर्द भी बना रहता है.

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Dindori News: चपरासी की ड्यूटी निभाने के ठीक बाद पंचम सिंह बतौर शिक्षक नवमीं और दसवीं के छात्रों को अकेले ही सभी विषयों की पढ़ाई भी कराते हैं

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक ऐसा भी टीचर है जो चपरासी, बाबू, शिक्षक लेकर प्रिंसिपल बना हुआ है. जी हां ये किसी फिल्म की बात नहीं है बल्कि ये सौ फीसदी सच है. आपको पढ़कर अजीब तो लग रहा होगा लेकिन ऐसा हो रहा है. और इस आदमी के पास कोई सुपर पावर भी नहीं है ये भी आम आदमी है लेकिन काम है असाधारण.

एमपी के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले (Dindori) से ये अनोखा मामला सामने आया है. खास बात यह है कि ये टीचर चपरासी की ड्यूटी भी बड़ी ईमानदारी से निभाता है और इसके साथ बाकी और जिम्मेदारी भी बखूबी निभाते हैं. यहां बात हो रही है बजाग विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल मिढली की, जहां पदस्थ एकलौते शिक्षक पंचम सिंह मरावी चपरासी,बाबू, शिक्षक व प्रिंसिपल की ड्यूटी निभा रहे हैं. स्कूल में चपरासी,शिक्षक व बाबू के कुल 6 पद खाली हैं और इन 6 पदों की भरपाई अकेले पंचम सिंह कर रहे हैं. वो कहते हैं ना वन मैन आर्मी... वहीं नजर आ रहे हैं पंचम सिंह.

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सूबे के शिक्षा विभाग में मचा था हड़कंप

डिंडोरी जिले के मेंहदवानी और डिंडौरी विकासखंड शिक्षाधिकारी ने सरकारी स्कूलों में शराब पीकर आने वाले 26 शिक्षकों की सूची जारी की थी, जिसके बाद सूबे के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था. उसी डिंडौरी जिले में एक शिक्षक ऐसा भी है जो चपरासी से लेकर प्रिंसिपल का कामकाज अकेले ही निपटा रहा है. शासकीय हाईस्कूल मिढली में पदस्थ इकलौते शिक्षक पंचम सिंह मरावी रोज सुबह 10 बजे स्कूल पहुंच जाते हैं. स्कूल का ताला खोलने के बाद स्कूल परिसर व क्लासरूम में झाड़ू लगाने और अन्य सफाई के काम करते हैं, और फिर अपने हाथों से 10.20 बजे घंटा बजाते हैं. घंटे की आवाज सुनते ही छात्रों का स्कूल आने का सिलसिला शुरू होता है.

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सफाई के बाद बजाते हैं स्कूल का घंटा

चपरासी की ड्यूटी निभाने के ठीक बाद पंचम सिंह बतौर शिक्षक नवमीं और दसवीं के छात्रों को अकेले ही सभी विषयों की पढ़ाई भी कराते हैं. एक ही कमरे में नवमीं और दसवीं के छात्रों को एक साथ कैसे पढ़ाया जाता होगा और छात्रों को कितना समझ में आता होगा जिसका अंदाजा आप बड़ी आसानी से लगा सकते हैं. चपरासी व शिक्षक की ड्यूटी निभाने के अलावा बच्चों का एडमिशन सबंधित पूरा काम स्कूल नहीं आने वाले छात्रों को घर घर जाकर लाने का काम भी पंचम सिंह पूरी ईमानदारी के साथ करते हैं. इसके अलावा छात्रवृत्ति, साप्ताहिक व मासिक बैठकों में भी वे शामिल होते हैं. इस दौरान शिक्षक की गैरमौजूदगी में छात्रों को खुद ही पढ़ाई करनी पड़ती है.

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हाथ में दर्द के बावजूद निभा रहे हैं बड़ी जिम्मेदारी

NDTV से बात करते हुए शिक्षक पंचम सिंह ने बताया की पिछले शिक्षण सत्र तक स्कूल में उनके समेत दो शिक्षक थे तब किसी तरह ठीक से स्कूल का संचालन हो जाता था लेकिन इस वर्ष वे अकेले रह गए हैं और उनके एक हाथ में दर्द भी बना रहता है. इसके बावजूद इसके वो पूरी ईमानदारी के साथ अकेले दम पर स्कूल का संचालन किए जा रहे हैं. दसवीं कक्षा की छात्राओं ने NDTV को बताया की बोर्ड एग्जॉम है और सभी विषयों की पढ़ाई जैसे- तैसे करके एक ही शिक्षक करा रहे हैं. ऐसे में उन्हें अपने रिजल्ट की चिंता भी अभी से सताने लगी है. छात्राओं ने NDTV के माध्यम से स्कूल में अन्य शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने की अपील की है.

अतिथि शिक्षकों की होगी नियुक्ति

इस पूरे मामले को लेकर हमने जनजातीय विभाग डिंडौरी के सहायक आयुक्त डॉक्टर संतोष शुक्ला से बात की तो वे शिक्षक पंचम सिंह के हौंसले व लगन की तारीफ करते हुए नजर आए साथ ही उन्होने आश्वासन दिया कि जल्द ही स्कूल में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षकों की कमी को दूर किया जायेगा.

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