Dindori News: मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में अफसरों की मनमानी के चलते सरकार की अति महत्वाकांछी अमृत सरोवर योजना पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. आलम यह है कि लाखों रूपये की लागत से बने सरोवर गर्मी आने से पहले ही पूरी तरह से सूख गए हैं. अमृत सरोवर योजना के तहत जल संरक्षण के नामपर डिंडौरी जिले में 101 सरोवरों के निर्माण में करोड़ों रूपये फूंक दिए गए हैं, लेकिन ज्यादातर सरोवरों में एक बूंद पानी का भी संरक्षण नहीं किया जा सका है. देखिये डिंडौरी से हमारे संवाददाता विजय तिवारी की रिपोर्ट...
शहपुरा विधानसभा के ढोंढा गांव में टेनिस बॉल क्रिकेट मैच टूर्नामेंट का आयोजन चल रहा है. मजेदार और दिलचस्प बात यह है कि क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किसी खेल मैदान पर नहीं, बल्कि सूख चुके सरोवर के अंदर किया जा रहा है.
39 लाख में बना था सरोवर
दरअसल ढोंढा ग्रामपंचायत में अमृत सरोवर योजना के तहत दो साल पहले 39 लाख रूपये की लागत से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अफसरों के द्वारा सरोवर का निर्माण कराया गया था और उस सरोवर के निर्माण में इस कदर भ्रष्टाचार किया गया है कि गर्मी आने से पहले ही सरोवर पूरी तरह से सूख चुका है. लिहाजा ग्रामीण युवाओं ने सूखे सरोवर को ही खेल मैदान बना लिया है.
होता रहा पानी का रिसाव
बारिश के सीजन में यही सरोवर पानी से लबालब भरा हुआ था, जिसमें पानी का रिसाव तेजी के साथ हो रहा था. उस वक्त भी NDTV ने सरोवर से हो रहे पानी के रिसाव को लेकर प्रशासन को आगाह किया था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारीयों ने कोई ध्यान नहीं दिया.
परिणामस्वरूप आज इस सरोवर में एक बूंद भी पानी नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि सरोवर निर्माण के नाम पर ढांचा खड़ा करके अधिकारीयों ने लाखों रूपये का बंदरबांट कर लिया है.
बड़झड़ का सरोवर भी सूखा
अमृत सरोवरों के निर्माण में अधिकारीयों ने किस कदर भ्रष्टाचार किया है, जिसका अंदाजा शहपुरा विधानसभा के ही बड़झर गांव में बने सरोवर की तस्वीरों को देखकर बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है. यह सरोवर ग्राम पंचायत अमठेरा के पोषक ग्राम बड़झर में है, जहां अमृत सरोवर योजना के तहत सरोवर निर्माण के नाम पर सिर्फ ढांचा खड़ा कर लाखों रूपये आहरित कर लिए गए.
सरोवर में जमा किया बारिश का पानी सर्दियों में ही सूख जाता है. सरोवर में जगह-जगह पानी का रिसाव तेजी से होता है, जिसके कारण सरोवर में पानी संरक्षित नहीं हो पाता है.
42 लाख में बना, लेकिन पानी नहीं
आपको बता दें कि ग्रामपंचायत अमठेरा के पोषक ग्राम बड़झर में करीब दो साल पहले ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा अमृत सरोवर योजना के तहत 42 लाख रूपये खर्च करके इस सरोवर का निर्माण कराया गया था. साथ ही इस सरोवर तक पहुंचने के लिए करीब 14 लाख रूपये की लागत से ग्रेवल सड़क का निर्माण अलग से कराया गया.
सरोवर एवं सड़क के निर्माण में करीब 56 लाख रूपये फूंकने के बाद ग्रामीणों को इसका कोई फायदा नहीं मिला तो कुछ किसानों ने सरोवर के अंदर खाली पड़े सूख चुके जमीन पर खेती करना शुरू कर दिया है.
किसानों ने लगाई फसल
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री दीपक आर्मो से अमृत सरोवर योजना के तहत सरोवरों के निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल किया गया तो वे गलती का ठीकरा तात्कालीन अधिकारीयों पर फोड़ते हुए नजर आए। उनका कहना है कि सरोवरों का निर्माण जल्दबाजी में किया गया है. हालांकि उन्होंने जांच की बात कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया.