Dindori News: छत गिरने का बना रहता है डर, स्कूली बच्चे ऐसे क्लासरूम में पढ़ने को मजबूर

Dilapidated School Building: जर्जर स्कूल बच्चों के लिए कभी भी घातक साबित हो सकते हैं. इसीलिए मध्य प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई स्कूलों की बिल्डिंग की हालत काफी खराब है. आइए आपको ऐसे ही एक स्कूल भवन की पड़ताल दिखाते हैं.

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Dindori School News: एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) द्वारा जर्जर हो चुके भवनों में स्कूल (Dilapidated School) का संचालन नहीं किये जाने के संबंध में सख्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं दूसरी तरफ कई स्कूल अभी भी इस हालत में चल रहे हैं जो कभी भी गिर सकते हैं. ऐसा ही मामला डिंडौरी में सामने आया है, जबकि जिला प्रशासन के द्वारा जर्जर हो चुके कई स्कूल भवनों को डिस्मेंटल करने की कार्यवाही भी की गई, लेकिन मेंहदवानी विकासखंड के एकीकृत माध्यमिक शाला मटियारी के जर्जर हो चुके स्कूल भवन में प्लास्टिक की तिरपाल तानकर स्कूल का संचालन किया जा रहा है. 

कहां है यह स्कूल?

डिंडौरी जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर मंडला जिले की सीमा पर बसे मटियारी गांव में जर्जर हो चुके भवन में सरकारी स्कूल का संचालन किया जा रहा है. स्कूल भवन की छत ख़राब हो चुकी है जिसके कारण छत का मलबा गिरने का हरवक्त खतरा बना रहता है. बारिश में छत से पानी टपकता है लिहाजा स्कूल प्रबंधन के द्वारा क्लासरूम में प्लास्टिक की तिरपाल तानकर बच्चों को बैठाया जाता है.

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इस स्कूल में आसपास के चार गांवों से बच्चे पढ़ने आते हैं और इस स्कूल में छात्रों की दर्ज़ संख्या 140 है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने NDTV को बताया की उन्हें यहां बैठकर पढ़ने में बहुत डर लगता है और जब तेज बारिश होती है तो वे क्लासरूम के अंदर भी सुरक्षित नहीं रह पाते हैं.

ये हैं आरोप

पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुब्बे सिंह ने शिक्षा विभाग के अधिकारीयों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि उनके द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारीयों को अनेकों बार स्कूल भवन की दुर्दशा को लेकर शिकायत की गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सबकुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं. पालक शिक्षक संघ अध्यक्ष ने बताया कि स्कूल भवन की हालत खराब होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं.

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स्कूल के अधिकारी क्या कहते हैं?

स्कूल में पदस्थ हेडमास्टर जे आर परते ने बताया कि उनके स्कूल का नाम जर्जर हो चुके स्कूल भवनों की लिस्ट में शामिल तो है और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस बात की जानकारी भी है. हेडमास्टर ने यह भी बताया कि छात्रों के साथ- साथ शिक्षक और उन्हें भी इस स्कूल में डर लगता है.

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