सीधी जिले की धौहनी विधानसभा सीट (Dhauhani Assembly Election Results 2023) आरक्षित सीट है और यहां साल 2008 से हीं कमल खिलता आ रहा है. आदिवासी नेता कुंवर सिंह टेकाम (Kunwar Singh Tekam) चुनावी मैदान में अपने प्रतिद्वंदी को हर बार मात देने में सफल रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस के बीच हुए कांटे के मुकाबले में 3321 मतों से इस बार बीजेपी की जीत हुई है.
धौहनी विधानसभा क्षेत्र के सियासी समीकरण की बात करें तो ये सीट आदिवासी बाहुल्य है. बीजेपी ने साल 2008 से अब तक लगातार जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी कुंवर सिंह टेकाम को ही मौका दिया. जबकि साल 2008 और 2013 के चुनाव में कांग्रेस चेहरा बदलने के बाद भी चुनाव नहीं जीत सकी. हालांकि फेस चेंज होने के बाद कांग्रेस को बहुमत में इजाफा देखने को मिला.
3321 वोट से जीत दर्ज कर चौथी बार विधानसभा पहुंचे कुवंर सिंह टेकाम
बीजेपी की टिकट पर लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाले कुवंर सिंह टेकाम की हालत क्षेत्र में इस बार खराब दिख रही थी. क्षेत्र में शिलान्यास, लोकार्पण से लेकर कई कार्यक्रम में उनका क्षेत्रवासियों ने खुला विरोध किया था. इसी विरोध का सामना उन्हें चुनाव मैदान में भी करना पड़ रहा था. ऐसे में माना जा रहा था कि इस बार कुंवर सिंह टेकाम की नईया कैसे पार होगी? लेकिन यहां लाडली बहना योजना का सीधा असर देखने को मिला और महज 3321 वोट से कुवंर सिंह टेकाम चौथी बार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंच गए.
दो जिले के मध्य है धौहनी विधानसभा क्षेत्र
धौहनी विधानसभा क्षेत्र दो जिलों को जोड़ता है. सिंगरौली जिले के सरई, निगरी, निवास सहित अन्य क्षेत्र इसमें शामिल है. इसी तरह सीधी जिले का मझौली, मड़वास, टिकरी जुड़ा हुआ है. विधानसभा एक है, लेकिन यहां की जनता को दो जिले की दौड़ राजस्व और अन्य कार्यों के लिए लगानी पड़ती है. ऐसे में परेशान होना स्वाभाविक है. क्षेत्र में बेरोजगारी, पलायन सहित कई ऐसे मुद्दे रहे जिनके कारण जीत हार का अंतर लगातार दो चुनाव से घट रहा है.
स्थापित नहीं हो पाए उद्योग-धंधे
धौहनी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न भूभाग में कई उद्योग कंपनियां जमीन ले रखी हैं, लेकिन अभी तक उद्योग स्थापित करने की कोई पहल शुरू नहीं हुई. ऐसे में समय-समय पर क्षेत्र वासियों का विरोध मुखर भी होता है. यहां बेरोजगारी और पलायन की समस्या भी तेजी से बढ़ी है. वनांचल क्षेत्र होने के कारण जागरूकता का भी काफी अभाव है. ऐसे में क्षेत्र का कैसे विकास होगा यह भी एक बड़ा सवाल है?
क्या मंत्री बनेंगे विधायक कुंवर
लगातार जीत का चौका लगाने वाले कुंवर सिंह टेकाम क्या मंत्री बनेंगे? यह भी सवाल क्षेत्र में हर किसी के जुबां पर सुनने को मिल रहा है. अभी तक पिछले 20 वर्षों में सीधी जिले को मंत्री पद नसीब नहीं हो सका है. ऐसे में माना जा रहा है इस बार जीत का चौका लगाने वाले आदिवासी नेता कुवंर सिंह टेकाम को भाजपा नेतृत्व में मंत्री पद मिल सकती है. यदि ऐसा होता है तो धौहनी सहित सीधी जिले के विकास को गति मिलेगी, उद्योग स्थापित हो सकते हैं. साथ ही बेरोजगारी और पलायन जैसे बड़े मुद्दों पर काम हो सकता है.
दो बार के चुनाव में रहा नजदीकी अंतर
धौहनी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में कांटे का मुकाबला रहता है. दोनों ही प्रत्याशियों के बीच चुनावी मैदान में नतीजा किसके पक्ष में होगा यह कह पाना कठिन होता है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सत्ता में रहने के बावजूद भी बीजेपी यहां सफर ही कर रही है सिर्फ 3321 वोट के अंतर से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे. कुवंर सिंह टेकाम चुनावी मैदान में पसीना पसीना हो रहे थे. इधर, कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश सिंह लगातार 5 वर्षों तक क्षेत्र में सतत संपर्क करती रही और लाडली बहना जैसी योजना के वावजूद भी वो चुनाव मुकाबले में बेहद नजदीक रहीं.
बीजेपी के कुंवर सिंह टेकाम ने कांग्रेस प्रत्याशी को 3321 मत से हराया
पिछले वर्ष 2018 के चुनाव नतीजे की बात करें तो यहां बीजेपी प्रत्याशी कुंवर सिंह टेकाम को 57995 मत मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 54202 मत मिले थे. ऐसे में जीत हार का अंतर 3793 मत का रहा. साल 2023 के हुए चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी कुवंर सिंह टेकाम को 82073 मत मिले हैं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश सिंह को 78442 मत मिले हैं. ऐसे में जीत हार का अंतर मात्र 3321 मत का रहा.
ये भी पढ़े: Sailana सीट से सात बार के कांग्रेस विधायक रहे विजय को कमलेश्वर ने दी मात, इस पार्टी से हैं इनका संबंध