Dhar News: धार जिले की सरदारपुर तहसील के अंतिम छोर पर बसा कचनारिया गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. यहां के ग्रामीण और स्कूली बच्चे रोज़ाना अपनी जान जोखिम में डालकर कोटेश्वरी नदी पार करते हैं. पुलिया नहीं होने के कारण बच्चों को अक्सर तैरकर नदी पार करनी पड़ती है. ऐसे में कई बार उनकी ड्रेस गीली हो जाती है, जिसे वे धूप में सुखाकर पढ़ाई जारी रखते हैं. बारिश के दिनों में यहां के हालात और भी भयावह हो जाते हैं. पानी का स्तर अधिक बढ़ने पर ग्रामीण गांव में ही फंस जाते हैं.
अपनी बदलहाल हालत पर रो रहा यह कचनारिया गांव धार-महू लोकसभा क्षेत्र में आता है, जहां से सांसद सावित्री ठाकुर केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं. इसी क्षेत्र से कांग्रेस के कद्दावर नेता और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार भी आते हैं. इसके बाद भी यहां के लोगों की आवाज वर्षों से शासन तक नहीं पहुंच पाई है.
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पंचायत स्तर से आवेदन दिए गए, मीडिया में आवाज उठाई गई, यहां तक कि 2023 में विश्व आदिवासी दिवस पर विधायक उमंग सिंगार ने स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर एक सप्ताह में नाव उपलब्ध कराने की बात कही थी. लेकिन आज तक न तो नाव आई और न ही पुलिया का निर्माण हो सका. क्षेत्रीय विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा भी समय-समय पर आश्वासन दिए गए, लेकिन इस गांव तक विकास नहीं पहुंच सका. ग्रामीणों का आरोप है कि चुनावी समय में नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन बाद में कोई हाल पूछने तक नहीं आता.
डूबने से बच्चों की मौत भी हो चुकी
हैरान की बात यह भी है कि कुछ समय पहले इस नदी में डूबने से बच्चों की मौत भी हो चुकी है. इसके बाद भी प्रशासन और सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ऐसा भी नहीं कि यह सिर्फ इकलौता गांव ही इस समस्या से जूझ रहा है. गुलरी पाड़ा, रसायन और राजघाट जैसे आसपास के गांव के लोग भी विकास की राह तक रहे हैं. अब देखना यह होगा कि आखिर यह विकास यहां कब तक पहुंचता है.
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