Youngest Chess Player: जिस उम्र में बोलना सीखते हैं बच्चे, उसमें शतरंज की सटीक चालें चल रहा महिम्न

इंदौर में आयोजित इंडिया ओपन चेस टूर्नामेंट और एफसीसी ऑल इंडिया रैपिड चेस टूर्नामेंट में महिम्न ने अपने से कई गुना बड़ी उम्र के खिलाड़ियों के साथ मुकाबला किया. इस दौरान शानदार प्रदर्शन करते हुए उसने यंगेस्ट प्लेयर का खिताब अपने नाम किया.

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धार के महिम्न मंडलोई ने जीता यंगेस्ट प्लेयर का खिताब.

Youngest Chess Player: मध्य प्रदेश के धार जिले में रहने वाले महिम्न मंडलोई ने इंदौर में आयोजित दो प्रतिष्ठित ऑल इंडिया शतरंज प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए यंगेस्ट प्लेयर का खिताब अपने नाम किया है. इतनी कम उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाकर महिम्न ने न केवल अपने माता-पिता, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है.

महिम्न मंडलोई, सिविल इंजीनियर पियूष मंडलोई और शिवानी मंडलोई के पुत्र हैं. जिस उम्र में बच्चे बोलना, चलना और खेल-कूद की शुरुआती गतिविधियां सीखते हैं, उस उम्र में महिम्न शतरंज की बिसात पर सटीक चालें चल रहा है. वह फिलहाल प्री-नर्सरी में पढ़ता है. किताबों की औपचारिक पढ़ाई भले ही अभी शुरू न हुई हो, लेकिन शतरंज की समझ और रणनीति में वह कई अनुभवी खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दे रहा है.

धार के महिम्न मंडलोई ने जीता यंगेस्ट प्लेयर का खिताब.

बड़ी उम्र के खिलाड़ियों के साथ किया मुकाबला 

हाल ही में इंदौर में आयोजित इंडिया ओपन चेस टूर्नामेंट और एफसीसी ऑल इंडिया रैपिड चेस टूर्नामेंट में महिम्न ने अपने से कई गुना बड़ी उम्र के खिलाड़ियों के साथ मुकाबला किया. उसकी सूझबूझ, एकाग्रता और खेल की समझ को देखकर आयोजक और दर्शक भी हैरान रह गए. प्रतियोगिता के दौरान उसकी प्रतिभा को देखते हुए कई लोगों ने उसे प्यार से लिटिल  ग्रैंड मास्टर तक कह दिया.

मोबाइल की लत छुड़ाने शतरंज एकेडमी में कराया दाखिला 

महिम्न की शतरंज यात्रा भी खास है. आज के दौर में जहां छोटे बच्चे मोबाइल और स्क्रीन की लत में उलझे रहते हैं, वहीं महिम्न भी पहले मोबाइल पर अधिक समय बिताता था. इसे लेकर माता-पिता चिंतित हुए और उन्होंने उसका रुझान किसी रचनात्मक और बौद्धिक खेल की ओर मोड़ने का निर्णय लिया. करीब आठ महीने पहले महिम्न को एक शतरंज एकेडमी में दाखिला दिलवाया गया.

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नन्हा खिलाड़ी भविष्य का एक बड़ा सितारा

एकेडमी में दाखिले के महज एक सप्ताह के भीतर ही प्रशिक्षक ने महिम्न की असाधारण प्रतिभा को पहचान लिया और उसे विशेष प्रशिक्षण देना शुरू किया. लगातार अभ्यास और मार्गदर्शन का नतीजा यह रहा कि केवल आठ महीनों में ही महिम्न ने ऑल इंडिया स्तर पर यंगेस्ट प्लेयर का खिताब जीत लिया. महिम्न की इस उपलब्धि से उसका परिवार, शिक्षक और पूरा धार जिला गौरवान्वित है. शतरंज की दुनिया में यह नन्हा खिलाड़ी भविष्य का एक बड़ा सितारा माना जा रहा है, जिससे आने वाले समय में और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है.

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