Dhan Scam: 47 करोड़ के धान घोटाले में 74 पर FIR, जबलपुर के 12 थानों में मामले दर्ज, जानिए पूरा मामला

MP Dhan Ghotala: मध्य प्रदेश के जबलपुर में धान परिवहन को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है. करोड़ों रुपए के इस फर्जीवाड़े को लेकर FIR हुई हैं. जबलपुर कलेक्टर ने क्या कुछ कहा जानिए.

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Dhan Ghotala Jabalpur: जबलपुर कलेक्टर का एक्शन

Dhan Kharidi Ghotala: जबलपुर (Jabalpur) में 47 करोड़ रुपए से अधिक के धान घोटाले (Dhan Scam) पर कलेक्टर (Jabalpur Collector) दीपक सक्सेना ने बड़ी कार्रवाई की है. नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक दिलीप किरार समेत 74 लोगों के खिलाफ 12 थानों में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और अमानत में खयानत की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस मामले में 2510 पन्नों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है जिसमें आरटीओ (RTO) टोल नाके से गुजरने वाली पर्ची और जीएसटी (GST) की जानकारी भी समाहित की गई है.

कलेक्टर ऑफिस ने दी जानकारी

जबलपुर कलेक्टर ऑफिस की तरफ से बताया गया कि फर्जी रिलीज आर्डर के माध्यम से धान परिवहन में की गई अफरातफरी के मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना की बड़ी कार्यवाही हुई है. 74 व्यक्तियों के विरुद्ध बारह थानों में FIR दर्ज कराई गई. नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सहित 13 कर्मचारियों, 17 राइस मिलर और उपार्जन केंद्रों से जुड़ी सहकारी समितियों के 44 अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई.

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जबलपुर जिले में अंतर जिला मिलिंग हेतु जिले के बाहर धान उठाने की बजाय मिलर्स द्वारा स्थानीय दलालों के माध्यम से धान बेच दी गई थी. धान परिवहन के लिये उपयोग में गये वाहन द्वारा लगाई गई 614 ट्रिप में से 571 का टोल नाकों पर कोई रिकार्ड नहीं मिला. 

कलेक्टर की ओर से बताया गया कि 614 ट्रिप में सें 55 कार/पिकअप वैन/ट्रेक्टर, 44 फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन नम्बर वाले वाहन, 121 परिवहित मात्रा की तुलना में बहुत कम लोडिंग क्षमता वाले वाहन, 86 एक-दो दिन के अंतराल में कई सारे फेरे वाले वाहन कुल 307 फ़र्ज़ी ट्रिप, जिनमें धान का परिवहन किया जाना संभव ही नहीं है. 30 करोड़ 14 लाख 19 हजार 600 रुपये मूल्य की 1लाख 31 हजार 052 क्विंटल धान की हेराफेरी का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है. अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट पर कार्यवाही की गई.

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वित्तीय नुकसान

अभी धान घोटाला 30.14करोड़ का है लेकिन परिवहन व्यय जोड़ने पर घोटाले की राशि 70-75 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है जिसकी जांच की जा रही है. इस बड़े घोटाले का खुलासा करने के लिए 50 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम बनाई गई थी. जांच में पाया गया कि 1,31,052 क्विंटल धान की हेराफेरी कर 30 करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया.

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