शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज, क्या है पूरा मामला?

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में रोटेशन का पालन न होने पर चुनाव प्रक्रिया निरस्त हुई थी. लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने की व्यवस्था दे दी थी. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री सहित अन्य ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और विवेक तन्खा सहित अन्य के खिलाफ विवादित बयान जारी कर दिए थे.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज

MP MLA Special Court: जबलपुर (Jabalpur) में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत की न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. बता दें कि राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने इन तीनों के खिलाफ 10 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा पेश किया था, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह आदेश दिया है. 

यह भी पढ़ें : दंतेवाड़ा के राम आज भी काट रहे वनवास! मंदिर के द्वार पर लटक रहा ताला, भक्तों को नहीं मिल पा रहे दर्शन

क्या है पूरा मामला?

एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने इस मामले में वादी के बयान दर्ज होने के बाद मानहानि की धारा-500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाने की मांग स्वीकार कर ली. दरअसल पंचायत चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवेक तन्खा ने उनके खिलाफ की गई टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए यह प्रकरण दायर किया गया था. मामले में तन्खा की ओर से पैरवी करने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी जबलपुर आए थे. 

यह भी पढ़ें : 'अयोध्या में राम का मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा', CM यादव बोले- कांग्रेस के कुछ नेताओं को हो रहा कष्ट

Advertisement

तन्खा ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में रोटेशन का पालन न होने पर चुनाव प्रक्रिया निरस्त हुई थी. लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने की व्यवस्था दे दी थी. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री सहित अन्य ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और विवेक तन्खा सहित अन्य के खिलाफ विवादित बयान जारी कर दिए थे. जिनसे आहत होकर तन्खा मानहानि के परिवाद के जरिए अदालत चले आए थे.

Topics mentioned in this article