Dastak Abhiyaan 2024 Launch in MP: मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल (Madhya Pradesh Deputy CM) ने राजधानी भोपाल में राज्य स्तरीय “दस्तक सह स्टॉप डायरिया” अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के विभिन्न पैरामीटर आईएमआर (IMR), एमएमआर (MMR), सीएमआर (CMR) आदि में मध्यप्रदेश को शीर्ष स्तर में ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अमले को पूरे मनोयोग से कार्य करना होगा. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा के इस अभियान को जन आंदोलन बनाना होगा और समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी. डिप्टी CM ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में संसाधनों की कमी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग में आगामी 6 महीने में 30 हज़ार पदों पर भर्ती की जाएगी. मध्यप्रदेश के हर नागरिक, हर क्षेत्र तक गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हम सतत प्रयासरत हैं.
पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा का आवश्यकतानुसार प्रयोग अवश्य करें
राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा से आपातकाल में दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिकों को उत्कृष्ट सेवाएँ मुहैया कराने का प्रयास किया गया है. एयर एम्बुलेंस सेवा का आवश्यकतानुसार उपयोग सुनिश्चित करने लिए विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को जागरूकता लाने के निर्देश दिये गये हैं.
जनजागरूकता सामग्री का किया विमोचन
उपमुख्यमंत्री ने अभियान से संबंधित जन जागरूकता सामग्री का विमोचन किया. कार्यक्रम में दस्तक अभियान की गतिविधियों और उपलब्धियों पर आधारित डाक्यूमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए बच्चों का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है. राज्य मंत्री ने अभियान की सफलता के लिए मैदानी अमले को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये.
वर्ष 2016 में 168 ब्लॉक से शुरू हुआ है अभियान
एमडी एनएचएम (National Health Mission) प्रियंका दास ने दस्तक अभियान में की जाने वाली गतिविधियों, तैयारियों और कार्ययोजना की विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान वर्ष 2016 में 168 ब्लॉक में प्रारंभ किया गया था. अभियान से प्राप्त सफलता को देखकर अगले वर्ष से यह समस्त 313 ब्लॉक में चालू कर दिया गया. प्रदेश में प्रतिवर्ष दस्तक अभियान संचालित किया जाता है. अभियान का प्रमुख उद्देश्य बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाना है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा, दस्तक अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से किया जाता है.
दस्तक अभियान में बीमार नवजातों और अस्पताल से छुट्टी प्राप्त बच्चों का फालोअप किया जाएगा. 9 माह से 5 वर्ष के बच्चों में विटामिन ‘ए' की खुराक का अनुपूरण और 0 से 5 आयु वर्ष के बच्चों में दस्त की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओआरएस एवं जिंक का वितरण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा. इसके साथ ही 0-5 आयु वर्ष के बच्चों में निमोनिया, जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलम्ब, गंभीर कुपोषण की त्वरित पहचान और प्रबंधन का कार्य किया जाएगा. 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों में गंभीर अनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन के साथ शिशु एवं बाल आहारपूर्ति सम्बन्धी समझाइश समुदाय को दी जाएगी. आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों या टीकाकरण से छूटे बच्चों की स्थिति की जानकारी लेकर आवश्यक निदानात्मक कार्यवाही की जाएगी. 5 वर्ष तक के बच्चों में श्रवण बाधिता और दृष्टिदोष की पहचान एवं उपचार का कार्य किया जाएगा. साथ ही समस्त चिन्हांकित अनीमिक बच्चों में सिकल सेल अनीमिया की पहचान कर उपयुक्त उपचार किया जाएगा.
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