
Police Attacked with Slippers: दमोह जिले में उस समय तनाव का माहौल बन गया, जब एक लापता युवक की लाश मिलने के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया. गुस्साए लोगों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कुछ महिलाओं ने गुस्से में पुलिसकर्मियों पर चप्पल फेंकी और मारपीट की कोशिश की. मामला इतना बिगड़ गया कि मौके पर आला अधिकारियों को पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी.
पांच दिन से लापता था युवक
युवक शुभम उर्फ मोनू विश्वकर्मा पांच दिनों से लापता था. परिजन और पुलिस दोनों उसकी तलाश में लगे थे. लेकिन मंगलवार को यह जानकारी सामने आई कि युवक की तीन दिन पहले ही जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो चुकी थी. हैरानी की बात यह रही कि परिजन लगातार पूछताछ करते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें संतोषजनक जानकारी नहीं दे सकी. युवक की लाश पिछले तीन-चार दिनों से अस्पताल में पड़ी थी, लेकिन किसी को इसकी सूचना नहीं दी गई.
चप्पल से हमला, पुलिस पर सवाल
जब यह सच सामने आया तो परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने जिला अस्पताल के सामने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया. गुस्से में आई महिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर चप्पलें फेंकी और कुछ को चप्पल से पीटने की भी कोशिश की. स्थिति को बिगड़ता देख पुलिस बल बुलाया गया और अधिकारियों ने मोर्चा संभालते हुए किसी तरह प्रदर्शन को शांत किया. मौके पर सीएसपी एच आर पांडे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
परिजन ने जताई हत्या की आशंका
मृतक के पिता हल्ले भाई विश्वकर्मा ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें बेटे की मौत सामान्य नहीं लग रही. उन्होंने अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्या की आशंका जताई. परिजनों के अनुसार, पहले युवक लापता हुआ, फिर चार दिन बाद उसकी मोटरसाइकिल मिली और पांचवें दिन लाश मिली – यह सिलसिला पूरी तरह से संदिग्ध लगता है.
सड़क हादसे का मामला!
पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, 9 अक्टूबर की शाम शुभम को एक राहगीर घायल अवस्था में जबलपुर नाका इलाके से ऑटो में डालकर जिला अस्पताल लेकर गया था. वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. सीसीटीवी फुटेज में यह भी सामने आया है कि युवक को किसी वाहन ने टक्कर मारी थी, जिसके बाद वह थोड़ी दूरी पर जाकर बैठ गया था. बाद में एक राजगीर की मदद से वह अस्पताल पहुंचा.
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फुटेज से जुटाई जा रही और जानकारी
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सीएसपी एच आर पांडे और टीआई कोतवाली मनीष कुमार मामले की जांच कर रहे हैं. पुलिस ने बताया कि वे सभी CCTV कैमरों की रिकॉर्डिंग खंगाल रहे हैं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि युवक की मौत किस परिस्थिति में हुई और कहीं इसमें किसी की लापरवाही या साजिश तो नहीं.
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