CSIR-AMPRI से आत्मनिर्भर बनेगा भारत, US-फ्रांस जैसे देशों से आने वाले अहम पार्ट्स भोपाल में होंगे तैयार

CSIR-AMPRI News: एम्प्री के डायरेक्टर डॉ अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए स्वीडन से खासतौर पर लेजर बेस्ड मेटल एडेटिव मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रान बीम मेटल एडेटिव मैन्युफैक्चरिंग मशीन मंगवाई गई हैं. इन मशीनों द्वारा देश के विभिन्न प्रमुख संस्थानों से आए मैन्युफैक्चरिंग डिमांड के अनुरूप कल-पुर्जे बनाए जाएंगे.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Make in India: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में अब अंतरिक्ष (Space Sector) , डिफेंस (Defence) और मेडिकल (Medical) से जुड़े कई ऐसे पार्ट्स (Parts) तैयार किए जाएंगे, जिसके लिए भारत (India) पहले विदेश पर निर्भर रहता था. इंडियन नेवी (Indian Navy), डीआरडीओ (DRDO), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जैसे संस्थानों के लिए कॉम्पोनेंट अब भोपाल में स्थित सीएसआईआर एम्प्री CSIR-Advanced Materials and Processes Research Institute (AMPRI) में ही बनेंगे. इस कदम से मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (Self-reliant India) या (Atmanirbhar Bharat) जैसी पहल को बल मिलेगा. आइए एम्प्री भोपाल के डॉयरेक्टर डॉ अवनीश श्रीवास्तव से जानते हैं कितना अहम है प्रोजेक्ट.

CSIR-AMPRI Bhopal: डायरेक्टर डॉ अवनीश श्रीवास्तव

हाई-टेक मशीनें हुईं स्थापित

यह प्रोजेक्ट मटेरियल डेवलपमेंट टेक्नोलॉजी में बड़ी पहल माना जा रहा है, इस फैसले से विदेशी उपकरणों पर लग रही लागत में कमी आएगी. इसी के साथ देश की जरूरतों को ध्यान में रख मैन्युफैक्चरिंग परफॉर्मेंस पर ज़ोर दिया जाएगा. देश में पहली बार ऐसी हाई-टेक मशीन स्थापित हुई हैं, जो मुख्य तौर पर थ्री डी प्रिंटिंग (3D Printing) और लेज़र कटिंग (Laser Cutting) का काम करेंगी. एम्प्री भोपाल (AMPRI Bhopal) में बने कल-पुर्जे देश के विभिन्न संस्थान मुख्यतः डीआरडीओ, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, इंडियन नेवी और मेडिकल सेक्टर में इस्तेमाल किए जा रहे उपकरणों का हिस्सा बनेंगे.

Advertisement

यह भी पढ़ें : DRDO ने हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग UAV का सफलतापूर्वक किया परीक्षण, खास देशों की सूची में शामिल हुआ भारत

Advertisement

CSIR-AMPRI Bhopal: डायरेक्टर डॉ अवनीश श्रीवास्तव मशीनों के बारे में समझाते हुए

एम्प्री के डायरेक्टर डॉ अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए स्वीडन से खासतौर पर लेजर बेस्ड मेटल एडेटिव मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रान बीम मेटल एडेटिव मैन्युफैक्चरिंग मशीन मंगवाई गई हैं. इन मशीनों द्वारा देश के विभिन्न प्रमुख संस्थानों से आए मैन्युफैक्चरिंग डिमांड के अनुरूप कल-पुर्जे बनाए जाएंगे. साधारण पुर्जों के मैन्युफैक्चरिंग से ये काफी अलग होंगे.

CSIR-AMPRI Bhopal: डायरेक्टर डॉ अवनीश श्रीवास्तव पार्ट्स के बारे में समझाते हुए

क्यों खास हैं ये पार्ट्स? 

अंतरिक्ष में कम तापमान होने से ऐसे पुर्जों को बनाया जाना जरूरी होता है, जिस पर तापमान असर न करें. इन्हें डिमांड के अनुसार बनाए जाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहता हैं. बड़ी बात है कि स्टील, ग्राफीन और टाइटेनियम समेत कई अन्य मेटल को मिलाकर इसे बनाया जाता है. मेटेरियल्स को 3500 डिग्री तक मेल्ट करने के साथ सुनिश्चित किया जाता है कि मटेरियल हाई टेंपरेचर के साथ लो टेंपरेचर पर भी अच्छे से काम कर सके.

Advertisement

क्या फायदे होंगे?

अहम मशीनों में लगने वाले इन पुर्जों की मैन्युफैक्चरिंग अब देश में होने से वेटिंग टाइम में कमी आएगी और इसके साथ साइंटिस्ट्स अपने ज़रूरत के अनुसार इन पुर्जों पर काम कर इन्हें डिजाइन कर पाएंगे.

यह भी पढ़ें : MP की 16 डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज में अब रह गए 6 नाम, MCU समेत प्राइवेट विवि हुए बाहर, देखिए UGC की लिस्ट

यह भी पढ़ें : CM Rise School: सीएम राइज स्कूलों में अब शामिल होंगे खेती-बाड़ी से जुड़े सब्जेक्ट, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिए निर्देश

यह भी पढ़ें : MP में निवेश बढ़ाने के लिए CM मोहन यादव कल जाएंगे मुंबई, इंटरेक्टिव सेशन में इनसे करेंगे बात

यह भी पढ़ें: First Roti for Cow: रायपुर का अनोखा स्कूल, यहां स्टूडेंट टिफिन में लाते हैं गाय के लिए एक्स्ट्रा रोटी 

Topics mentioned in this article