Baba Mahakal की नगरी में CRPF और सेना के बैंड ने बांधी समां तो आदिवासी नृत्य ने मोह लिया मन, लगे जय कारे

Mahakal Temple Ujjain: बाबा महाकाल की श्रावण मास की पांचवीं और अंतिम सवारी रक्षाबंधन पर्व पर सोमवार शाम निकली. महाकाल मंदिर से निकली सवारी में पूर्व में निकले चार स्वरूप के साथ होलकर स्टेट का मुखारविंद भी शामिल किया गया.

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Baba Mahakal की नगरी में CRPF और सेना के बैंड ने बांधी समां तो आदिवासी नृत्य ने मोह लिया मन, लगे जय कारे.

Mahakal Temple Ujjain News: बाबा महाकाल की श्रावण मास की पांचवीं और अंतिम सवारी रक्षाबंधन पर्व पर सोमवार शाम निकली. महाकाल मंदिर से निकली सवारी में पूर्व में निकले चार स्वरूप के साथ होलकर स्टेट का मुखारविंद भी शामिल किया गया. सवारी में इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी बाबा का जयघोष करते हुए निकले. वहीं, मुख्य आकर्षण आदिवासी नृत्य, सीआरपीएफ और सेना का बैंड रहा.

गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया

बाबा महाकाल चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में प्रजा का हाल जानने निकले.

बता दें श्रावण,भादौ मास में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी निकलती है. इसी के चलते श्रावण के अंतिम सोमवार को बाबा महाकाल चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में प्रजा का हाल जानने निकले. सवारी निकलने से पहले सीएम डॉ. मोहन यादव ने पत्नी के साथ बाबा की गर्भ गृह में पूजा की. इसके बाद सीएम डॉ. यादव के साथ भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने सभा गृह में पुजारियों के साथ चंद्रमोलेश्वर की पूजा की. इसके बाद पालकी में विराजित चंद्रमोलेश्वर को मंदिर के द्वार पर सशस्त्र बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

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 इसके बाद  बाबा की सवारी नगर भ्रमण पर निकली, जिसमें हाथी पर मनमहेश,गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होलकर स्टेट मुखारविंद के लाखों श्रद्धालुओ ने दर्शन किए.


 सवारी में CM पहली बार हुए शामिल 

बाबा महाकाल की पूजा करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव.

खास बात यह है कि इस बार सवारी में डॉ मोहन यादव भी बाबा महाकाल का जय घोष करते सवारी में निकले. सीएम बनने के बाद यह पहला मौका है जब सीएम यादव सवारी में शामिल हुए. सवारी परंपरागत मार्गो से होती हुई शिप्रा नदी पहुंची, जहां पूजा के बाद सवारी फिर रवाना हो गई. हालांकि, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पत्नी के साथ सवारी में पैदल भ्रमण करते रहे हैं. विशेष बात यह भी रही की छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी आज पत्नी के साथ भगवान महाकालेश्वर के दर्शन किए.

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सेना के बैंड ने की शिव स्तुति

उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी को देश विदेश तक ख्यात करने के लिए इस बार शासन प्रशासन हर सोमवार नए आकर्षण शामिल करता रहा है. इसी कड़ी में विभिन्न जनजातियों के प्रदर्शन के साथ डमरु आयोजन और 350 पुलिस कर्मियों का बैंड पिछली सवारियो में नज़र आया था. इसी कड़ी में श्रावण की अंतिम सवारी में सीआरपीएफ और सेना का बैंड शामिल किया, जो पूरी सवारी में धून पर शिव स्तुति करता नज़र आया. वहीं, गोंड जनजातीय करमा/ सैला नृत्य दल अपनी कला का प्रदर्शन करता रहा. याद रहे अब भादौ मास में षष्टम सवारी 26 अगस्त और शाही सवारी 2 सितम्बर को निकलेगी.

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