Cough Syrup Case: एमपी में अब तक 9 बच्चों की मौत; सरकार ने पूरे बैच पर लगाई रोक, जानिए पूरा मामला

Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा (Chhindwara) में किडनी फेल होने से अब तक 9 बच्चों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

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Cough Syrup Case: एमपी में अब तक 9 बच्चों की मौत; सरकार ने पूरे बैच पर लगाई रोक, जानिए पूरा मामला

Cough Syrup Case: छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत के मामलों में एक और घटना जुड़ गई है. 2 बच्चों की मौत होने से कुल 9 बच्चों की मौत हो गई है. सभी मौत किडनी इन्फेक्शन के कारण हुई है. परासिया एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि छिंदवाड़ा में अब तक 9 की मौत हो चुकी है. वहीं सरकार ने इस कफ सिरप के पूरे बैच पर रोक लगा दी है. दिल्ली में सीडीएससीओ, पुणे में वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट और मप्र सरकार ने 9 सैंपल की जांच पूरी की, किसी सैंपल में कुछ संदिग्ध नहीं मिला है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) भी मामले की जांच कर रही है. सभी मौतें छिंदवाड़ा के परासिया ब्लॉक में हुई हैं. फिलहाल 1420 बच्चों की लिस्ट है, जो सर्दी, बुखार और जुकाम से प्रभावित रहे हैं. जिन दो कफ सिरप, कोल्ड्रिफ (Coldrif) - Chennai और नेक्सा डीएस (Nexa DS) - Himachal में बनता है, उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों ने भी अपने पर्चे में लिखा है. पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था पहली मौत 7 सितंबर को हुई थी.

जांच जारी है : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच जारी है. इस जांच की जिम्मेदारी राज्य औषधि प्राधिकरण को दी गई है. एनसीडीसी की शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच किए गए लगभग 500 लोगों की रक्त जांच में कोई संक्रामक रोग नहीं मिला है. जांच की प्रक्रिया अभी जारी है, और जो भी शुरुआती रिपोर्ट मिल रही हैं, उन्हें राज्य सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा किया जा रहा है.

एसडीएम ने कहा- हम प्रोटोकॉल के तहत कर रहे हैं काम

परासिया एसडीएम शुभम यादव ने कहा कि "हम कार्यवाही कर रहे है. हमारे पास 1420 बच्चों की लाइन लिस्ट है, जो सर्दी, बुखार, जुखाम से ग्रसित रहे हैं. इसमें हमने प्रोटोकॉल बनाया है कि दो दिन से ऊपर कोई भी बच्चा बीमार रहता है तो उसको हम सिविल हॉस्पिटल में 6 घंटे मॉनिटरिंग में रखते है. तबियत बिगड़ने पर जिला अस्पताल रेफर करते है. ठीक होने के बाद उनको घर भेज देते है. इसके बाद भी आशा कार्यकर्ताओं से उनकी मॉनिटरिंग करवाते हैं. इसके अलावा हमने पानी और मच्छर संबंधी जांच करवा ली है, जो कि नॉर्मल आई है. एक सैंपल हमारा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी गया था. वह भी नॉर्मल आया है. पानी के सैंपल जांच के लिए CSIR निरी भेजे गए हैं, जिसका इंतजार है. अभी तक जिन 9 बच्चों की डेथ हुई है उनमें से 5 बच्चों की कोल्ड रिफ और 1 बच्चे की nextro सिरप लेने की हिस्ट्री मिली है. अभी हमने सभी प्राइवेट डॉक्टर्स को एहतियात बरतने कह दिया है कि वायरल वाला पेशेंट आता है तो उसको आप अटेंड नहीं करें, उसे सीधे सिविल अस्पताल भेजें, उसको सिस्टम को हैंडल करने दें."

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