पहली ही बारिश में फूटा परकोलेशन टैंक, हाथ लगाने से उखड़ा कंक्रीट, जल संरक्षण के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार

Corruption in MP: डिडोरी जिले में जल संरक्षण के तहत किए जा रहे निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. पहली बारिश में परकोलेशन टैंक टूट गया है. वहीं स्टाप डैम की हालत भी खराब है.

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Corruption in Dindori: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले (Dindori) में जल संरक्षण के नाम पर रोजगार गारंटी योजना के तहत निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार (Corruption in Construction Work) का मामला सामने आया है. जनपद पंचायत शहपुरा (Shahpura) के पड़रिया गांव में करीब 23 लाख रुपये की लागत से निर्माणाधीन परकुलेशन टैंक के बेस्टबेयर का हिस्सा पहली ही बारिश में फूट गया (Percolation Tank Burst), जिससे टैंक में भरा हुआ पानी और मलबा किसानों के खेतों में भर गया. जिसके चलते धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. स्थानीय लोग परकोलेशन टैंक के निर्माण के शुरूआती दौर से ही गुणवत्ता को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन तकनीकी अमले ने शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया. लिहाजा किसानों के हित के लिए बनाया जा रहा यह टैंक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.

पहली ही बारिश में परकोलेशन टैंक का एक हिस्सा टूट गया.

पहली बारिश में उखड़ा डैम का कंक्रीट

जल संरक्षण के नामपर जनपद पंचायत करंजिया के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चंदना के पोषक वनग्राम जामपानी में रोजगार गारंटी योजना से करीब 15 लाख रुपये की लागत से स्टॉप डैम का निर्माण कराया जा रहा है. इसके निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. शुरूआती बारिश में ही निर्माणाधीन स्टॉप डैम जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है. डैम के कंक्रीट हाथ लगाने मात्र से उखड़ने लगे हैं. स्टॉप डैम के निर्माण में गिट्टी की जगह आसपास बिखरे हुए बोल्डर को भरकर सीमेंट का लेप चढ़ा दिया गया था, लेकिन बारिश ने निर्माण कार्य के गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी है. 

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सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद रोजगार गारंटी योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज परिहार ने जांच का हवाला देते हुए इस बात को स्वीकार किया है कि निर्माण कार्यों में प्रॉपर तरीके से मॉनिटरिंग नहीं की गई. जिसके चलते ऐसी स्थिति बनी है.

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स्टॉप डैम का कंक्रीट हाथ लगाने से उखड़ रहा है.

जामपानी गांव में स्टाप डेम के निर्माण में धांधली

जनपद पंचायत करंजिया के ग्राम पंचायत चंदना का पोषक ग्राम जामपानी जहां सौ फीसदी विशेष संरक्षित बैगा जनजाति के लोग रहते हैं. इस गांव में जल संरक्षण के नाम पर ग्राम पंचायत ने करीब 15 लाख रुपये की लागत से स्टॉप डैम का निर्माण कराया है. डैम का निर्माण सारे नियम कायदों को ताक में रखकर किया जा रहा है. वहीं एस्टीमेट के विपरीत डैम की वाल पर गिट्टी के बजाय आसपास बिखरे पत्थरों को भरकर सीमेंट का लेप चढ़ा दिया गया है. बारिश के बाद सीमेंट ने कंक्रीट का साथ छोड़ दिया, जिससे निर्माण में गुणवत्ता की पोल खुल गई.

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भ्रष्टाचार की लोकपाल से हो चुकी है शिकायत

डिंडोरी जिले के जनपद पंचायत शहपुरा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मरवारी के पोषक ग्राम पड़रिया खुर्द में निर्माणाधीन परकुलेशन टैंक के निर्माण में तकनीकी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की शिकायत स्थानीय लोगों ने मनरेगा लोकपाल कार्यालय रीवा में की थी. लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण पहली ही बारिश में ही टैंक का एक हिस्सा फूट गया. यह टैंक करीब 23 लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों की मदद करना है.

स्टॉप डैम के निर्माण में आसपास बिखरे पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है.

इस टैंक को बनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण भूमिगत नमी का लाभ खेतों को देना है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. परकोलेशन टैंक का बेस्ट बेयर बह जाने से इसका मलवा किसानों के खेतों में ही समा गया है.

जिम्मेदार अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाब

जनपद पंचायत शहपुरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अरविंद बोरकर से जब NDTV ने परकुलेशन टैंक का बेस्टबेयर फूट जाने को लेकर सवाल किया तो वे जांच की बात कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. वहीं जनपद पंचायत करंजिया के सीईओ आर एस कुशवाह से जब हमने जामपानी गांव के स्टॉप डैम के निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल किया तो वे मामले से अंजान बनते हुए नजर आए. वहीं मनरेगा के प्रोजेक्ट ऑफिसर पंकज परिहार ने परकोलेशन टैंक व स्टॉप डैम के निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर जांच का हवाला देते हुए आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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