Scam in MP: 'स्वास्थ्य विभाग की अनुबंधित कंपनी ने किया बड़ा घपला', दिग्विजय सिंह ने कहा- जांच हो

MP News: दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह मामला केवल भ्रष्टाचार का ही नहीं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता से भी जुड़ा हुआ है. यह प्रदेश के आम नागरिकों के साथ विश्वासघात है. सरकार को चाहिए कि वह उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करे और सच्चाई सामने लाकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करे.

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Scam in MP: 'स्वास्थ्य विभाग की अनुबंधित कंपनी ने किया बड़ा घपला', दिग्विजय सिंह ने कहा- जांच हो

Corruption and Fraud: मध्यप्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करने वाली अनुबंधित कंपनी पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का गंभीर आरोप लगाते हुए इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेंद्र शुक्ल को पत्र लिखकर विस्तृत शिकायत सौंपी है. दिग्विजय सिंह को यह जानकारी राज्य के पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी से हासिल हुई है.

पूर्व सीएम ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बताया है कि हब एंड स्पोक साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड, जो पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में अनुबंधित है, ने फर्जी मरीजों और उनकी काल्पनिक जांचों को दिखाकर सरकार से सैकड़ों करोड़ रुपयों का भुगतान प्राप्त किया. दस्तावेज बताते हैं कि कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों के सैंपल इस कंपनी की प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं.

उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों ने ही इसके भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की पोल खोली है. कंपनी के विरुद्ध आयकर चोरी के मामले भी दर्ज हैं. आरोप है कि कंपनी द्वारा तैयार किए गए मरीजों के नाम और मोबाइल नंबर अस्पतालों के वास्तविक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते. यदि इन आंकड़ों का प्रदेश के सभी अस्पतालों के रिकॉर्ड से मिलान कराया जाए, तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं उजागर होंगी.

दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह मामला केवल भ्रष्टाचार का ही नहीं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता से भी जुड़ा हुआ है. यह प्रदेश के आम नागरिकों के साथ विश्वासघात है. सरकार को चाहिए कि वह उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करे और सच्चाई सामने लाकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करे. उन्होंने यह भी कहा कि यह घोटाला न केवल सरकारी खजाने के बड़े नुकसान को इंगित करता है, बल्कि सरकारी अस्पतालों में सेवा गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है.

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि कंपनी के पिछले पांच वर्षों के सभी भुगतान और जांच रिपोर्टों की ऑडिट कराई जाए. अस्पतालों के रिकॉर्ड और कंपनी द्वारा प्रस्तुत डेटा का आपसी मिलान किया जाए. स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु भविष्य में ऐसे अनुबंधों के लिए कड़े मानक और निगरानी तंत्र लागू किए जाएं.

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