इंदौर: राम मंदिर के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अनोखा बैंक बनाया गया है. इस बैंक से हजारों की तादाद में राम भक्त जूड़े है, जो नियमित रूप से राम नाम लिखते हैं और यह कॉपियां इस बैंक में जमा कराते हैं. इससे पहले बैंक ने 15 करोड़ राम नाम इंदौर के पितेृश्वर हनुमान मंदिर में भी समर्पित किए थे. तभी बैंक के संचालक मंडल ने संकल्प किया था कि 21 करोड़ नाम हो जाएंगे, तब उन्हें राम मंदिर के लिए दान किया जाएगा.
बैंक की प्रबंध समिति के सदस्य और बैंक के संचालक लक्ष्मण सिंह सोनगरा, गोवर्धन सिंह, जगदीश सिंह, विजय सिंह ने बुधवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की. पूर्व सांसद और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष डॉ. राजा मानवेंद्र सिंह ने सीएम योगी से कुछ महीने पहले ही बात की थी.
संस्थापक लक्ष्मण सोनगरा ने बताया कि राम नाम की महिमा का बखान बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने किया है. इस नाम के सार को न जाने कितने ही विद्वानों ने समझाया. यह नाम दुनिया में सबसे ज्यादा कीमती है. हर कोई इस नाम को सहेजने की बात करता है. राम नाम लिखने से मानसिक संतुष्टि की प्राप्त होती है, मन स्थिर बना रहता है और काम के नए आयाम खुलते हैं.
बैंक की ओर से दिया जाता है उपहार
बैंक सदस्यों को कॉपी और पेन देती है. इसके साथ ही कॉपियों की संख्या के आधार पर राम नाम लिखकर वापस देने वालों को तीर्थ स्थल का दर्शन भी कराया जाता है, जिसका पूरा खर्च बैंक उठाती है. इसके अलावा उपहार भी दिए जाते हैं.
ऐसे खुलता है इस बैंक में खाता
खाता खोलने के लिए पहले 30 पेज की खाताधारक को कॉपी दी जाती है, जिसमें रेड पेन से राम नाम लिखना अनिवार्य होता है. एक पेज पर 108 बार 9 के क्रम में राम नाम लिखना पड़ता है. राम नाम लिखने वालों को सुनिश्चित करना होता है कि वे न गलत संगत में रहेंगे. अब तक हजारों लोग अपना निशुल्क खाता खुलवा चुके हैं. बैंक इंदौर तक सीमित नहीं रही. मालवा निमाड़ के तकरीबन सभी जिलों में इसकी शाखा है.
2016 से चल रही है बैंक
श्री राम नाम बैंक 2016 से इंदौर के स्नेह लता गंज में शुरू इस बैंक की मुख्य ब्रांच भी स्नेह लता गंज में ही है परिवार की ही दादी भंवर भाई सोनगरा अपने घर पर सीताराम लिखती थी इंदौर के एक गीता भवन मंदिर से बुक लाकर उसमें सीताराम लिखा करते थे जिससे प्रेरित होकर परिवार के सदस्यों द्वारा यह बैंक शुरू की गई.
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