Madrasas Can't enroll non-Muslim children: मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने मदरसों (Madhya Pradesh Madarsah Board/Taleem Ghar) को लेकर बड़ा फैसला किया है. सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि गैर मुस्लिम बच्चों (non-Muslim children) को मदरसे में दाखिला लेने और उन्हें तालीमी शिक्षा के लिए बाध्य करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. जहां एक ओर मध्य प्रदेश सरकार के फैसले का BJP नेताओं ने स्वागत किया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) ने इस पर आपत्ति जताई है. एमपी सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, “यह सरकार का स्वागत योग्य निर्णय है. यह बात बिलकुल सही है कि किसी दूसरे धर्म का बच्चा, दूसरे धर्म की पढ़ाई क्यों करे. गैर मुस्लिम बच्चा, इस्लाम की पढ़ाई क्यों करे. यह बात मदरसा प्रशासन को भी समझनी चाहिए.”
बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर कसा तंज
विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा, “समाज के हित में सरकार जो भी फैसला करेगी, उस अच्छे निर्णय का विरोध कांग्रेस करेगी. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, भगवा आतंकवाद बोलकर पूरी दुनिया में सनातन को बदनाम करते हैं. राहुल गांधी संसद में हिंदुओं को हिंसक बताते हैं. मणिशंकर अय्यर जैसे नेता पाकिस्तान परस्ती की बात करते हैं और कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है. देश में यह नहीं चलेगा.”
इस्लाम की पढ़ाई हिंदू धर्म के बच्चे क्यों करें: BJP MLA
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने मध्य प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “मदरसों में इस्लाम की तालीम दी जा रही है तो वहां हिंदू धर्म के बच्चे क्यों जाएं. इस्लाम की पढ़ाई हिंदू धर्म के बच्चे क्यों करें? शिक्षा के लिए सरकार के विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय पर्याप्त है. हिंदू समाज के बच्चे मदरसों में शिक्षा के लिए क्यों जाएं? हमारा मानना है कि सरकार को मदरसों को दिया जा रहा अनुदान बंद कर देना चाहिए.”
मदरसे में पढ़ने से डर क्यों है: कांग्रेस MLA
मदरसों को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के फैसले पर सियासत जोर पकड़ रही है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षा की सभी को आजादी है. अभिभावक जहां चाहेंगे अपने बच्चों को वहां पढ़ाएंगे. मदरसे में पढ़ने से डर क्यों है? बड़े-बड़े महापुरुष मदरसों से पढ़कर निकले हैं.
मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि मदरसे और मदरसा बोर्ड के अंतर्गत आने वाले स्कूल, जिन्हें राज्य से धन प्राप्त होता है, वे बच्चों को "तालीमी शिक्षा" का हिस्सा बनने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. राज्य सरकार ने मदरसा बोर्ड के तहत संचालित स्कूलों में नामांकित गैर-मुस्लिम बच्चों का सर्वेक्षण करने का भी निर्णय लिया है। यह एनसीपीसीआर की सिफारिश के बाद हुआ है.
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