Satna Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल से एक गर्भवती महिला को रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था. जहां श्रीजी कान्हा हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने महिला का सीजर ऑपरेशन कराया था. जिसके बाद महिला की मौत हो गई थी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एलके तिवारी के निर्देश पर अस्पताल ताला जड़ दिया गया. दरअसल, अस्पताल में जांच के दौरान लापरवाही और कमियों के बाद विभाग की तरफ से ये एक्शन लिया गया. उधर, गर्भवती महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और अनदेखी करने के आरोप लगाए. यही नहीं, गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर पहुंचकर जमकर हंगामा भी किया. इस मामले पर सतना जिला अस्पताल की सरकारी डॉक्टर भी शामिल है. जिसकी अभी जांच चल रही है.
ऑपरेशन के 10 घंटे बाद हुई पिंकी की मौत
19 अप्रैल की रात सतना निवासी पिंकी कुशवाहा की सीजर प्रसव कराया गया था. कुछ देर बात मौत हो गई. पिंकी की मौत सतना के श्रीजी प्राइवेट नर्सिंग होम में हुई. परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया और जांच शुरू हुई. जांच में जो तथ्य सामने आए हैं वह बेहद चौंकाने वाले थे. पिंकी की मौत के पहले उसे सतना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसकी हालत गंभीर बताकर उसे रीवा रेफर किया गया लेकिन अस्पताल के कथित दलालों के माध्यम से सतना के ही श्रीजी प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया गया. जिला अस्पताल के डॉ सुनील पांडे ने श्रीजी नर्सिंग होम पहुंच कर पिंकी कुशवाहा का सीजर किया गया... लेकिन सीजर के 10 घंटे बाद पिंकी की मौत हो गई.
प्राइवेट नर्सिंग होम में डिलीवरी क्यों ?
आपको बता दें कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को किसी भी प्राइवेट नर्सिंग होम में जाकर इलाज करने की अनुमति नहीं होती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सतना जिला अस्पताल में लंबे वक्त से ऐसा खेल चल रहा है. जिसमें मरीज को बहला फुसला कर प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया जाता है और उनसे इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है. इस खेल में सतना जिला अस्पताल के डॉक्टर स्टाफ और कुछ प्राइवेट ठेकेदार मिले-जुले रहते हैं. संबंधित मामले में जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पाया है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने पिंकी का प्राइवेट अस्पताल में जाकर सीजर किया गया बाद में उसकी मौत हुई थी. इस मामले में डॉक्टर सुनील पांडे और श्रीजी अस्पताल के संचालक को नोटिस दिया गया है... लेकिन संचालक ने नोटिस का जवाब ही नहीं दिया. ऐसे में आज स्वास्थ विभाग की टीम श्रीजी अस्पताल पहुंची और आगामी आदेश तक अस्पताल को सील करा दिया है. फिलहाल अभी हर दृष्टि से मामले की जांच चल रही है.
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