'गुरु' हों तो ऐसे ! सरपंच-कलेक्टर को झुकना पड़ा, रद्द हुआ प्रिसिंपल का तबादला

गुरु के लिए अनूठा प्यार और सम्मान देखने को मिला आगर मालवा जिले के पालखेड़ी में. यहां के पीएम श्री स्कूल के प्राचार्य के सी मालवीय का सरपंच से विवाद के बाद पहले कलेक्टर ने तबादला किया और फिर जनता के दबाव में उस तबादले को रद्द भी किया. जिसके बाद प्राचार्य मालवीय का छात्रों और गावं के लोगों ने शानदार स्वागत किया. इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगे.

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Agar-Malwa News: महान संत कबीर का दोहा है- गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय. इस दोहे के माध्यम से कबीर ने गुरु की महता बताई है. गुरु के लिए कुछ ऐसा ही अनूठा प्यार और सम्मान देखने को मिला आगर मालवा जिले के पालखेड़ी में. यहां के पीएम श्री स्कूल के प्राचार्य के सी मालवीय का सरपंच से विवाद के बाद पहले कलेक्टर ने तबादला किया और फिर जनता के दबाव में उस तबादले को रद्द (Principal's transfer canceled) करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद प्राचार्य मालवीय का छात्रों और गावं के लोगों ने शानदार स्वागत किया. इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगे. 

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छात्रों के पानी की बात उठाई थी

दरअसल बीते सप्ताह प्राचार्य के सी मालवीय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में प्राचार्य मालवीय स्कूल के बच्चों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं कराने के लिए गांव के सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ कराने की बात कहते हुए नजर आ रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद इसकी खूब चर्चा हुई. मामले ने न सिर्फ तूल पकड़ा बल्कि राजनीतिक रंग भी ले लिया. जिसके बाद गांव के सरपंच गोवर्धन सिंह ने अपने अन्य सरपंच साथियों के साथ मिलकर प्राचार्य के खिलाफ स्थानीय विधायक से शिकायत कर दी. 

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आगर मालवा में प्राचार्य को घोड़े पर बैठाकर स्कूल तक लाए गांव वाले और छात्र

रद्द करना पड़ा तबादला

सोमवार को, मामले की गूंज प्रशासन तक पहुंची और कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने प्राचार्य के सी मालवीय का तबादला करीब अस्सी किलोमीटर दूर स्थित एक अन्य स्कूल में कर दिया. इस फैसले से न सिर्फ स्कूल की छात्र-छात्राएं बल्कि गांव के लोग भी निराश और आक्रोशित हो गए. मंगलवार को मामले को लेकर क्षेत्र में गहमा-गहमी बनी रही. सूत्र बताते हैं कि तबादला आदेश में इस्तेमाल की गई शब्दावली में पेंच था ,जिसके तहत कलेक्टर को इस तबादले के अधिकार ही नहीं थे. गांव के लोग इस तबादले के खिलाफ विरोध जताने लगे. प्राचार्य मालवीय के समर्थन में कई लोग सामने आए. स्कूल के छात्र छात्राओं ने निराशा का भाव दिखने लगा. उधर विरोध को देखते हुए कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने अपने ही आदेश को निरस्त करते हुए प्राचार्य मालवीय के तबादले को रद्द कर दिया. इस फैसले से गांव और स्कूल में खुशी की लहर दौड़ गई.

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घोड़ी पर चढ़ाया, आतिशाबाजी भी की

बुधवार की सुबह, जब प्राचार्य के सी मालवीय वापस स्कूल पहुंचें तो ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं ने उनका भव्य स्वागत किया. प्राचार्य मालवीय को दूल्हे की तरह घोड़ी पर बैठाकर जुलूस निकाला गया और जमकर आतिशबाजी की गई. इस भव्य स्वागत का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी अपनी खुशी जाहिर की. एक छात्र ने कहा, "हमारे प्राचार्य सर हमेशा हमारे लिए खड़े रहते हैं.हमें खुशी है कि वे वापस आ गए हैं."


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