Cough Syrup Deaths Case: जहरीला सिरप बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस रद्द, MP में हुई थीं 23 मौतें

Cough Syrup Deaths Case: तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कंपनी द्वारा बनाए गए ‘कोल्ड्रिफ' सिरप की जांच में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) जैसे जहरीले तत्व की मौजूदगी पाई थी, जिसके बाद कंपनी को आधिकारिक रूप से बंद करने का फैसला लिया गया.

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MP Cough Syrup Deaths Case: तमिलनाडु के चेन्नई की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी में अब डाला पड़ गया है. तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने सोमवार को कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया. ऐसे में अब कंपनी की ओर से कोई भी दवा नहीं बनाई जा सकती है. श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स वहीं कंपनी है जिसका जहरीला कफ सिरप पीने से मध्‍य पद्रेश के छिंदवाड़ा में 23 बच्‍चों की मौत हुई है. मध्‍य प्रदेश पुल‍िस ने भी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसका मालिक रंगनाथन गोविंदन पुल‍िस की गिरफ्त में है.

तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कंपनी द्वारा बनाए गए ‘कोल्ड्रिफ' सिरप की जांच में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) जैसे जहरीले तत्व की मौजूदगी पाई थी, जिसके बाद कंपनी को आधिकारिक रूप से बंद करने का फैसला लिया गया. साथ ही विभाग ने तमिलनाडु के सभी फार्मास्युटिकल निर्माण इकाइयों में व्यापक जांच के आदेश भी दिए हैं। प्रदेश भर में दवा निर्माण इकाइयों की बड़े पैमाने पर जांच की जा रही है।

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दो ड्रग इंस्पेक्टर निलंबित

तमिलनाडु सरकार ने मामले में ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट के दो दो वरिष्ठ ड्रग इंस्पेक्टरों को भी निलंबित है. ये दोनों अधिकारी पिछले दो साल से कोई औपचारिक जांच या निरीक्षण नहीं कर रहे थे, जबकि उनका काम यही था. भ्रष्टाचार का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि इस मामले की जांच के बीच ड्रग्स कंट्रोल विभाग के डायरेक्टर को रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है.

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दो राज्‍यों में 26 बच्‍चों की मौत, भाजपा नेता ने सरकार पर बोला हमला

इस मामले को लेकर तमिलनाडु भाजपा नेता के. अन्नामलाई ने राज्‍य सरकार पर हमला बोला. उन्‍होंने कहा- कांचीपुरम की एक निजी फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा निर्मित दवा ने मध्य प्रदेश के 23 और राजस्थान के तीन बच्चों की जान ले ली. दोनों राज्‍यों में 26 बच्‍चों की मैात हुई, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने केवल दो ड्रग इंस्पेक्टरों को निलंबित किया. सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्‍होंने कहा क‍ि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अब एक बड़ा फैसला लिया है। अब से भारत में बनी हर दवा को मंजूरी से पहले अनिवार्य परीक्षण से गुजरना होगा। इसके अलावा, DCGI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1945 के तहत कच्चे माल और तैयार दवाओं के सख्त परीक्षण के निर्देश जारी किए हैं। 

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