Murder in Jabalpur: जबलपुर में दिनदहाड़े चिंटू ठाकुर की हत्या, सिर में गोली मारकर उतारा मौत के घाट

Madhya Pradesh Hindi News: जबलपुर जिले में गुरुवार को लगाए गए बंद के बीच एक व्यक्ति की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान धर्मेंद्र सिंह ठाकुर उर्फ चिंटू (42) के रूप में हुई है.

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Jabalpur Murder News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक तो पहले ही सिहोरा को अलग जिला बनाने की मांग उग्र हो चुकी है, दूसरी ओर दिनदहाड़े एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या से सनसनी फैल गई. शख्स के सिर में गोली मारी गई थी, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. शख्स पहले तो बचकर भागा था, लेकिन दो बदमाशों ने पकड़ लिया और जमीन पर गिराकर गोली मार दी. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

बता दें कि सिहोरा को अलग से जिला बनाने की मांग को लेकर 9 दिसंबर से शुरू हुए इस आंदोलन में खितौला से लेकर सिहोरा तक पूरा बाजार लगातार पूरी तरह बंद है. पहले ही दिन सभी निजी स्कूलों में अघोषित अवकाश घोषित कर दिया था, बाजार बंद रहे और आंदोलनकारी वाहन रैली निकल सड़कों पर घूम रहे हैं. इन इलाकों में पुलिस बल भी तैनात था. उधर, बदमाश आसानी से हत्या करके फरार हो गए.

मामला वार्ड क्रमांक 17 खितौला का है, जहां धर्मेंद्र सिंह ठाकुर उर्फ चिंटू (42) पिता रणजीत सिंह ठाकुर को दोपहर करीब 01:15 बजे अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, गोली सिर पर लगी, जिससे चिंटू की मौके पर ही मौत हो गई.

पुलिस बल की तैनाती

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया. क्षेत्र में बंद और भारी पुलिस उपस्थिति के बावजूद अपराधियों का कोई सुराग न लगना स्थानीय लोगों में चिंता और आक्रोश पैदा कर रहा है.

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सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस

पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश में अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं. पुलिस का कहना है कि घटना के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं तथा तकनीकी सहायता की मदद से आरोपियों की पहचान की कोशिश जारी है. इस वारदात के बाद खितौला और सिहोरा क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है. पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.

RSS कार्यकर्ता अनशन पर बैठे

आंदोलन के दौरान आमरण अनशन पर बैठे आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रमोद साहू की तबीयत बिगड़ने से माहौल और तनावपूर्ण हो गया. उनकी तबीयत खराब होने की खबर मिलते ही आंदोलनकारियों में नाराजगी और बढ़ गई. इसी बीच, सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग को हर वर्ग का समर्थन मिलने लगा है.

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