Vidisha Medical College: मध्य प्रदेश का विदिशा मेडिकल कॉलेज एक बार फिर विवादों में घिर गया है. चार साल के बच्चे के परिजनों का आरोप है कि गलत इलाज के कारण बेटे की आंखों की रोशनी चली गई. परिजनों का कहना है कि बच्चा सर्दी-जुकाम से पीड़ित था, अस्पताल लाने पर डॉक्टरों ने उसे जबरन वेंटिलेटर पर चढ़ा दिया. इस दौरान एक इंजेक्शन लगाने के बाद अचानक बच्चे की आंखों की रोशनी चली गई. परिजनों का आरोप है कि वे लगातार डॉक्टरों को बताते रहे कि बच्चा देख नहीं पा रहा है, लेकिन डॉक्टर बार-बार यही कहते रहे कि वह देख रहा है.
बच्चे की हालत देखकर बदहवास मां प्रीति अहिरवार ने कहा कि उसे सिर्फ सर्दी-जुकाम था, जिसके इलाज के लिए हम यहां आए थे. लेकिन, मेडिकल कॉलेज की लापरवाही ने हमारी जिंदगी उजाड़ दी. इंजेक्शन लगाने के बाद हमारा बच्चा अंधा हो गया. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने इसे लेकर सवाल उठाए तो मेडिकल कॉलेज के गार्डों ने उनके साथ मारपीट की. इसके बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज के गेट पर चक्का जाम किया. हंमामे की सूचना पर थाना प्रभारी आनंद राज और तहसीलदार प्रीति पंथी मौके पर पहुंची. उसने परिजनों को शांत कराया और बच्चे को तत्काल भोपाल एम्स रेफर कराया गया. इसके बाद हालात सामान्य हुए. परिजनों ने अधिकारियों से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
पहले भी लगे लापरवाही के आरोप
यह पहली बार नहीं है कि विदिशा मेडिकल कॉलेज पर लापरवाही के आरोप लगे हों. इससे पहले भी कई बार बदइंतजामी और गलत इलाज के मामलों को लेकर यह कॉलेज चर्चा में रहा है. इस बार एक मासूम की आंखों की रोशनी चली गई.
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