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झोला छाप डॉक्टर की करतूत: इलाज कराने आया आदिवासी परिवार तो बच्चे को दी हैवी डोज, मौत की नींद सो गया मासूम

पिपलोद थाना क्षेत्र के गांधवा गांव में एक झोला छाप डॉक्टर ने दो साल के मासूम को हेवी डॉज दे दी, जिसके चलते बच्चे की हालत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद डॉक्टर क्लिनिक छोड़कर फरार हो गया.

झोला छाप डॉक्टर की करतूत: इलाज कराने आया आदिवासी परिवार तो बच्चे को दी हैवी डोज, मौत की नींद सो गया मासूम
मृत बेटे को गोद में लिए पिता.

खंडवा जिले पिपलोद थाना क्षेत्र में एक झोला छाप डॉक्टर के गलत उपचार से दो साल के मासूम की मौत हो गई. घटना गुरुवार रात की बताई जा रही है. जिला अस्पताल में शुक्रवार को मासूम का पोस्टमॉर्टम कराया जा है. मामले में आदिवासी संघटन जायस के दखल के बाद आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इधर प्रशासन का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही डॉक्टरों की एक टीम गठित कर जांच की जा रही है. जिला प्रशासन ने सीएमजेओ को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

जानकारी के अनुसार, झोलाछाप डॉक्टर विदेश में रहकर डॉक्टर की पढ़ाई कर रहा था. कोरोना के बाद पढ़ाई अधूरी छोड़कर वह खंडवा आ गया था. खंडवा आने के बाद उसने गांव में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी. सबसे बड़ी बात है कि इतने समय से प्रैक्टिस करने के बाद भी किसी भी सरकारी अधिकारी की उस पर निगाह नहीं पड़ी.

हेवी डोज देने से हो गई मौत

दरअसल, पिपलोद थाना क्षेत्र के गांधवा गांव के रहने वाले पीड़ित परिवार का कहना है कि उनका दो साल का बेटा बीमार था. आदिवासी लाभु जमरे ने बताया कि स्थानीय झोला छाप डॉक्टर हिमांशु से इलाज करवाया, जो बिना किसी मेडिकल डिग्री के प्रैक्टिस कर रहा था. बुधवार रात को खंडवा ले जाने को वाहन नहीं था तो इनसे इलाज कराया. डॉक्टर ने बच्चे को गलत इंजेक्शन और स्लाइन चढ़ा दी. चार बोतल स्लाइन चढ़ने से बच्चे की हालत तेजी से बिगड़ी और उसकी मौत हो गई.

आदिवासी संगठन का आक्रोश

इसके बाद परिजन अपने मासूम की लाश लेकर पिपलोद थाना पहुंचे. मासूम के परिजनों के साथ ही आदिवासी संगठन देश के लोग भी थाने में पहुंचे और उन्होंने घटना को लेकर आक्रोश जताया ह. आरोपी डॉक्टर हिमांशु पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है.

झोलाछाप डॉक्टरों का शिकार होते हैं आदिवासी

जयस नेता डाबर ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है. जब हमारे आदिवासी भाई-बहनों को ऐसे झोला छाप डॉक्टरों का शिकार बनना पड़ता है. हम आक्रोशित हैं और मांग करते हैं कि डॉक्टर हिमांशु को गिरफ्तार किया जाए. सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करे, नहीं तो हम आंदोलन तेज करेंगे.

कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के निर्देश

खंडवा अपर कलेक्टर काशीराम बडोले ने कहा कि एक मासूम बच्चे की मौत का मामला सामने आया है, जिसमें पता चला है कि गलत इलाज की वजह से उसकी जान चली गई है. हमने तुरंत डॉक्टर के टीम बनाकर मामले की जांच के लिए कहा है. पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर ली है. हमने CHMO को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिले में सभी डॉक्टरों की जांच की जाए, जो वैध नहीं है उनके ऊपर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.

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