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ये कैसा रेस्क्यू ऑपरेशन? 18 घंटे बाद भी प्रशासन के हाथ खाली, 3 मजदूरों के दबे होने पर परिवार ने लगाया लापरवाही का आरोप

Chhindwara Well Collapse: छिंदवाड़ा में मंगलवार की दोपहर 3 बजे के करीब एक कुआं धंसने से 3 मजदूर उसमें दब गए. इनके रेस्क्यू के लिए प्रशासन पिछले 18 घंटे से अभियान चला रही है, लेकिन अभी तक एक को भी बाहर नहीं निकाला जा सका है. मौके पर पहुंचे परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

ये कैसा रेस्क्यू ऑपरेशन? 18 घंटे बाद भी प्रशासन के हाथ खाली, 3 मजदूरों के दबे होने पर परिवार ने लगाया लापरवाही का आरोप
Chhindwara NDRF Rescue Operation: कुंआ धंसने से तीन मजदूर दबे

Chhindwara Well Collapse Road Accident: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा जिले में मंगलवार, 14 जनवरी को एक बड़ा हादसा हो गया. यहां एक निर्माणाधीन कुएं के धंसने (Collapse) से उसमें तीन मजदूर दब गए हैं. घटना करीब दोपहर 3 बजे की बताई गई. घटना के 18 घंटे बीत जाने के बाद भी बचाव कार्य जारी है. मिली जानकारी के अनुसार, यहां के खुनाझिर खुर्द गांव में एक पुराने कुएं का मलबा निकालकर उसकी मरम्मत की जानी थी. मलबा निकालने के दौरान कुआं धंस गया. रेस्क्यू के लिए भोपाल से NDRF की टीम पहुंची हुई है.

कुएं में दबे मजदूर का भाई

कुएं में दबे मजदूर का भाई

भोपाल से पहुंची NDRF टीम

कुआं धंसने से मलबे में दबे तीन मजदूरों को हादसे के करीब 18 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है. उनके बचाव कार्य के लिए भोपाल से पहुंची एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी है. पोकलेन और 2 जेसीबी की मदद से कुएं में सामने गड्ढा खोदकर रैंप बनाया जा रहा है. पैरेलल रास्ता बनाकर मजदूरों को निकालने की तैयारी है. मलबे में दबे मजदूरों के परिजनों का कहना है कि 18 घंटे हो गए, लेकिन प्रशासन हमारे परिजनों को निकलने में नाकामयाब रहा है.

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कुएं में दबे एक मजदूर के पिता

कुएं में दबे एक मजदूर के पिता

'गरीब का बेटा था इसलिए...'-मजदूर के पिता

दुर्घटना में दबे मजदूर के पिता का कहना है कि वे 6 बजे से घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं, लेकिन मजदूरों को निकालने वाला कोई नहीं दिखा. सब मजे ले रहे थे. उन्होंने कहा, 'सुबह 6 बजे तक मजदूरों ने आवाज मारी है. अभी 18-20 घंटे बाद भी तीनों को नहीं निकाल पाए हैं. वो गरीब का बेटा था, इसलिए देरी हो रही है. अमीर का बेटा होता तो फटाक से रेस्क्यू शुरू हो जाता.'

लगातार कर रहे हैं प्रयास-जिला कलेक्टर

छिंदवाड़ा जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने मामले को लेकर कहा कि तीनों मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया पहले मैनुअली की जा रही थी. एसडीआरएफ को सबसे पहले इसके लिए भेजा गया. जब उनसे नहीं हुआ, तो बाद में एनडीआरएफ को बुलाया गया है. उन्होंने कहा, 'मजदूरों की जान के खतरे के कारण साइड से अलग से टनल बनाकर काम जारी है. जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा.'

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