Chhindwara: 50 दिन की बेटी 'समृद्धि' का वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में नाम दर्ज, बच्ची ने हासिल की ये उपलब्धि

MP News : छिंदवाड़ा की 50 दिन की बेटी समृद्धि बंदेवार का वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में नाम दर्ज हुआ. जिसके बाद कलेक्टर मनोज पुष्प ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रदान कर बन्देवार दंपत्ति को सम्मानित किया.

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World Book of Records London: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले एक दम्पति की 50 दिन की बेटी समृद्धि का वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में नाम दर्ज हुआ है. इस बेटी ने महज 50 दिन की उम्र में सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार की विभिन्न योजनाओं से संबंधित जीवन उपयोगी दस्तावेजों को अर्जित कर लिया है. उसका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की संस्था में दर्ज होने का प्रमाण पत्र भी मिल गया है. 

प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया

दरअसल, छिंदवाड़ा के रहने वाले प्रिया-मनीष बन्देवार की बेटी समृद्धि बन्देवार का जन्म 26 सितंबर 2023 को हुआ था. 50 दिन की उम्र में शासकीय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार की विभिन्न योजनाओं से संबंधित जीवन उपयोगी दस्तावेजों को अर्जित कर लिया है. उसका नाम इस रिकॉर्ड में दर्ज होने के बाद समृद्धि बन्देवार अब सर्वाधिक 36 दस्तावेजों की धारक विश्व की सबसे कम उम्र की बेटी बन गई हैं. कलेक्टर मनोज पुष्प ने प्रिया-मनीष बन्देवार को इस अद्भुत, सराहनीय कार्य के लिए बधाई देते हुए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया है. 

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पिता ने सारे दस्तावेज बनवाने का लिया संकल्प

समृद्धि के पिता मनीष बन्देवार ने बताया कि जागरूकता के अभाव और लापरवाही के कारण बहुत से परिजन अपने बच्चों के बुनियादी दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड आदि तब तक नहीं बनवाते हैं. मेरे मन में बेटियों के प्रति आदर और सद्भाव के कारण मैंने अपनी पुत्री के सभी आवश्यक दस्तावेजों को बनवाने का संकल्प लिया है. बेटियों के लिए चलाई जाने वाली सरकार की कुछ योजनाओं के बारे में जानकारी थी. लेकिन जब हमने कुछ और जानकारी जुटाई तो शासन द्वारा बेटियों के हित मे चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई. हमने यह तय कर लिया कि हम बेटियों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली सभी योजनाओं में हमारी बेटी समृद्धि को हिस्सा बनाएंगे.

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इन दस्तावेजों में नाम दर्ज 

समृद्धि के पिता ने बताया कि टीकाकरण कार्ड, जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, समग्र सदस्य कार्ड, ग्रीन कार्ड, लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, पासपोर्ट, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता, स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र, केन्द्र शासन का स्थायी जाति प्रमाण-पत्र, राज्य शासन का स्थायी जाति प्रमाण-पत्र, डिजी लॉकर खाता, पोस्ट ऑफिस बचत खाता, आर.डी.खाता, सुकन्या समृद्धि योजना खाता, एनएससी, किसान विकास पत्र, महिला सम्मान बचत पत्र में नाम दर्ज है. इसके अलावा पीपीएफ, फिलाटेलिक डिपोजिट खाता, माय स्टाम्प, एमआईएस, एक वर्षीय टर्म डिपोजिट, 2 वर्षीय टर्म डिपोजिट, 3 वर्षीय टर्म डिपोजिट, 5 वर्षीय टर्म डिपोजिट, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया बचत खाता, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया चेक बुक, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया बचत खाता, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया चैक बुक, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ए.टी.एम., यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया बचत खाता, एल.आई.सी. एजुकेशन प्लान, एलआईसी कन्यादान प्लान और निप्पॉन इण्डिया म्यूचुअल फण्ड के मिलाकर कुल 36 दस्तावेजों में भी नाम दर्ज हो चुका है. 

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समृद्धि के पिता ने की ये अपील

सूबेदार नरेंद्र सिंह बैस मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन और मध्यप्रदेश पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत प्रदीप वाल्मीकि द्वारा वर्ल्ड बुक ऑफ द रिकॉर्ड यूके लंदन को की गई विशेष अनुशंसा के आधार पर मेहनत रंग लाई और वर्ल्ड बुक ऑफ द रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुया. समृद्धि के पिता ने कहा कि इन जीवन उपयोगी दस्तावेजों को बनवाकर हमने शासन की योजनाओं के माध्यम से बेटियों के मान-सम्मान को समाज में बढ़ाया और सशक्त बनाया है. जो अन्य लोगों के लिये प्रेरणादायी भी हो सकता है. उन्होंने बेटियों के माता-पिता और स्वजनों से अपील की है कि वे बेटियों के सशक्तिकरण, सम्मान और भविष्य के लिए बेटियों से संबंधित सभी शासकीय दस्तावेजों को बनवाकर बेटियों के उज्जवल भविष्य की दिशा में कार्य करें.

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