MP News: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला जेल में 22 वर्षीय आजीवन कारावास के कैदी शंकर प्रजापति की जेल की छत से गिरने से मौत हो गई. छतरपुर पुलिस की शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना जा रहा है. शंकर को 376 पॉक्सो एक्ट के तहत महज 24 घंटे पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. कथित तौर पर सजा से आहत होकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया, जिससे जेल परिसर में हड़कंप मच गया.
छत से कूदने के बाद गंभीर रूप से घायल हुए कैदी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शंकर प्रजापति पिछले तीन वर्षों से छतरपुर जिला जेल में बंद था और बैरक नंबर 4 में निरुद्ध था.

मामले में चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब यह सामने आया कि जिस नाबालिग से जुड़े पॉक्सो मामले में शंकर को सजा सुनाई गई थी, उसी नाबालिग ने अलग-अलग समय पर दो युवकों के साथ संबंध बनाए और दो बच्चों को जन्म दिया. शंकर को सजा हो चुकी है, जबकि दूसरे आरोपी राहुल यादव को भी हाल ही में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
घटना की जानकारी मिलते ही छतरपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जेल पहुंचे. मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.आज सुबह पोस्टमार्टम हाउस में शव रखे जाने के बाद परिजन न्याय की गुहार लगाने सड़क पर उतर आए.
कलक्टर-एसपी के नाम ज्ञापन
शंकर के परिजनों ने नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने जेलर दिलीप सिंह जाटव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठाई.
शंकर के परिजन आशीष प्रजापति व अन्य का कहना है कि शंकर दिव्यांग था. ऐसे में वह जेल की छत तक कैसे पहुंचा? यह बड़ा सवाल है. उनका आरोप है कि पूरे घटनाक्रम में जेल सुरक्षा में गंभीर चूक हुई है और तमाम बिंदुओं पर जांच होनी चाहिए. वहीं दूसरे आरोपी राहुल यादव के पिता ठाकुर दास यादव ने नाबालिग लड़की के परिजनों पर पैसे के लेनदेन को लेकर गंभीर आरोप लगाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई.
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिया न्याय का आश्वासन
मौके पर सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद दांगी और गढ़ीमलहरा थाना प्रभारी रीता सिंह सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा. हालात शांत होने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट संघ शिखा बंसकार ने परिजनों से बातचीत कर उनकी समस्या सुनी और न्याय का आश्वासन दिया. इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर पंचनामा तैयार कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया. तहसीलदार गौतम ने कहा कि घटना की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि कैदी ने आत्महत्या किन परिस्थितियों में की और जेल सुरक्षा व्यवस्था में कहां चूक हुई?
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