Exclusive: MP के इस शहर में पार्षद और BJP नेताओं ने अपने नाम स्वीकृत कराए PM आवास, 3 हज़ार गरीब भटक रहे

MP News: छतरपुर शहर में बने और स्वीकृत पीएम आवास योजना की एनडीटीवी ने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. यहां बीजेपी नेताओं ने अपने आवास तो स्वीकृत कराकर तान लिए हैं. जबकि ग़रीबों को अब भी पक्की छत का इंतज़ार करना पड़ रहा है. पढ़िए NDTV की ये स्पेशल रिपोर्ट

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Madhya Pradesh News: छतरपुर शहर में पीएम आवास योजना के लिए आवास स्वीकृत कराने का बड़ा खेल चला है. यहां भाजपा नेता और पार्षदों ने अपने मकान स्वीकृत करा लिए. जबकि 3000 गरीब परिवार अब भी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. NDTV ने जब इस योजना के तहत बने आवासों की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. 

जिले में 3 हजार गरीब परिवार पीएम आवास योजना के लिए पात्र होने के बाद भी योजना का लाभ लेने के लिए नगर पालिका के चक्कर काट रहे हैं. जबकि भाजपा के नेताओं और पार्षदों ने अपना और रिश्तेदारों के नाम के आवास स्वीकृत करा बना लिए.ऐसे में योजना के वास्तविक पात्र हितग्राही थे, वह योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए. इसके बाद योजना में गड़बड़ी होने के कारण वर्ष 2018 के बाद नगर नया आवास स्वीकृत नहीं हो सका. अभी तक सिर्फ 2900 लोगों को तीन किस्तों का लाभ दिया गया है. बाकी 3002 हितग्राही अभी भी दूसरी और तीसरी किस्त का इंतजार कर रहे है.

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केस नंबर 1 

भाजपा नगर मंत्री एवं पार्षद पति ने खुद के नाम पर लिया. पीएम आवास शहर के वार्ड 33 से पार्षद रेखा वर्मा के पति और भाजपा नगर मंत्री सुनील कुमार वर्मा द्वारा आवास योजना का लाभ लिया गया है. वह खुद पूर्व में वार्ड पार्षद के पद पर रहे हैं, अभी वर्तमान में उनकी पत्नी पार्षद के पद पर है. वे बेनीगंज मोहल्ला में एक दो मंजिला मकान में रहते हैं. उनके द्वारा आवास योजना का लाभ लेने के नाम पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है. अपने परिवार के अन्य सदस्य के नाम दूसरे मकान पर जियो टैगिंग कराते हुए आवास योजना का लाभ लिया गया है. इसमें कहीं न कहीं नगर पालिका के अधिकारियों की मिलीभगत है.

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आवास योजना में पात्र और अपात्र हितग्राहियों की जांच की जा रही है. अभी तक इस प्रकार के मामले सामने नहीं आए हैं. आपके माध्यम से इस संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है. मैं इसकी डीपीआर प्रभारी से जांच कराती हूं. आवास योजना इस साल खत्म हो रही है. इसलिए जिन पात्र हितग्राहियों ने अब तक निर्माण नहीं कराया है, वह जल्द ही कार्य पूरा करा लें.

माधुरी शर्मा, CMO, नगरपालिका छतरपुर

केस नंबर 2

भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री एवं वरिष्ठ नेता जयराम चतुर्वेदी के दो पुत्र अखिलेश चतुर्वेदी और आशीष चतुर्वेदी के नाम आवास की राशि निकाली गई है. इनका नाम नगर पालिका द्वारा बनाई गई 791 वाली डीपीआर में शामिल है. आवास योजना का लाभ लेने के बाद, पठापुर रोड स्थित बुंदेलखंड सिटी में एक नया मकान बनाया गया है. नगर पालिका अधिकारियों की मिलीभगत से एक मकान में ही दोनों लोगों की जियो टैगिंग कराते हुए आवास योजना की किस्तों का लाभ लिया गया है, जबकि मकान बनने के बाद वह लोग अभी यहां निवास भी नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उनके पास पहले से एक शहर में एक पैतृक मकान बना हुआ है. अपात्र होने के बाद भी BJP नेता के दोनों पुत्रों को आवास योजना का लाभ दिया गया है. राशि भी निकल ली गई है. 

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केस नंबर -3 

शहर के वार्ड 36 की भाजपा पूर्व पार्षद रामकली अवस्थी के पुत्र सुरेश अवस्थी जो भाजपा नगर मंडल उपाध्यक्ष के पद पर हैं. उनके द्वारा वर्ष 2018-19 में आवास योजना का लाभ लिया गया है. उनका नाम 1557 की डीपीआर में शामिल है. नगर पालिका के डीपीआर प्रभारी की मिलीभगत से रूपेश का नाम सूची में शामिल कर गलत तरीके से उन्हें योजना का लाभ दिलाया गया है. अगर ठीक तरीके से जांच की जाए तो वह पात्रता की श्रेणी में भी नहीं आते. लेकिन नगर पालिका अधिकारियों ने कार्यालय में बैठे-बैठे उनके नाम आवास पास करते हुए योजना का लाभ दे दिया गया.

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अब जानिए इनका दर्द 

शहर के वार्ड 39 निवासी बेनी बाई कुशवाह्य ने बताया कि उनका परिवार मजदूरी का कार्य कर अपना जीवन यापन कर रहा है. वह पिछले 6 वर्षों में आवास योजना का लाभ लेने के लिए 4 बार नगर पालिका में आवेदन कर चुके हैं. उनके परिवार में 6 सदस्य है जो दो छोटे-छोटे खपरैल के कमरों में रहकर अपना गुजारा कर रहे हैं. ऐसे ही कई परिवार हैं, जो पक्की छत की बांट जोह रहे हैं.  

नेताओं ने दी ये सफाई 

आशीष चतुर्वेदी का कहना है कि मेरे पिता जय राम चतुर्वेदी बीजेपी पार्टी में पदाधिकारी हैं. लेकिन मुझे प्रधानमंत्री आवास दिया गया है. उसमें मैं पात्र हितग्राही जिसकी वजह से नगर पालिका ने मुझे इसका लाभ दिया है. पूर्व पार्षद रेखा वर्मा  पति सुनील वर्मा का कहना है कि पात्रता रखने की वजह से मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है. यह किस्मत की बातें की मेरी पत्नी उसे समय पार्षद के रूप में नगर पालिका में थी. लेकिन में एक गरीब व्यक्ति होने की कारण मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है. 

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