
Cheap Medicine: मंहगी दवाएं गरीब मरीजों की जेब पर भारी पड़ती है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा ऐसे मरीजों को सस्ती जेनरिक दवाएं सुलभ कराने के लिए शुरू किए गए जन औषधि केंद्र ने गरीबों के जेब का बोझ कर दिया है. इसके परिणाम भी सामने आ गए है, जिसने गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए बचाने में अहम योगदान किया है.
अगले साल देश में 25000 से अधिक हो जाएगी जन औषधि केंद्रों की संख्या
राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज की चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की चर्चा करते हुए कि देश में अभी 15 हजार जन औषधि केंद्र हैं और दो साल के अंदर 25 हजार और जन औषधि केंद्र हो जाएंगे. इनके माध्यम से गरीब रोगियों के 30 हजार करोड़ रुपए बचे हैं.
आयुष्मान जन आरोग्य योजना के जरिए गरीब रोगियों के 16000 करोड़ बचे
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम और आयुष्मान जन आरोग्य योजना के जरिए गरीब रोगियों के 16000 करोड़ बचे हैं,उन्होंने बताया कि नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम देश के 748 जिलों में चल रहा है. इसके तहत 1,575 केंद्र खोले गए हैं जिनमें 26 लाख 49 हजार रोगियों को लाभ मिला है। यहां तीन करोड़ 17 लाख डायलिसिस सेशन हो चुके हैं.
225 ऐसी दुकानें खोली गई, जहां ब्रांडेड दवाइयों पर 50 % से अधिक की छूट है
नड्डा ने बताया कि 225 ऐसी दुकानें खोली गई हैं, जहां ब्रांडेड दवाइयां 50 प्रतिशत से अधिक की छूट पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें कैंसर की दवाइयां भी शामिल हैं। अब तक 4.25 करोड़ लोगों ने इसका लाभ लिया है जिससे उनके चार हजार करोड़ रुपS बचे हैं. यहां अब तक 7,800 करोड़ रुपए की दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
देश में टीबी की बीमारी में 17.7 % कमी आई, जो कि वैश्विक कमी से दोगुनी है
बजट का जिक्र करते हुए नड्डा ने बताया कि 2014-15 में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 38 हजार करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर करीब एक लाख करोड़ रुपए हो गया है. उन्होंने बताया कि देश में टीबी की बीमारी में 17.7 % कमी आई है जो कि वैश्विक कमी से दोगुनी है.टीबी से मृत्यु दर में 21 प्रतिशत की कमी आई है। उपचार के दायरे में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
30 साल की उम्र में हर किसी के ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की जांच की जाएगी
उन्होंने बताया कि 30 साल की उम्र में हर किसी के ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की जांच की जाएगी. अब तक 100 करोड़ से अधिक लोगों के ब्लड प्रेशर की जांच की जा चुकी है. वहीं, 88.5 करोड़ लोगों की डायबिटीज की स्क्रीनिंग हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हम एनएचएम में तीन तरह के कैंसर की स्क्रीनिंग कर रहे हैं.
लाल रक्त कोशिका विकार के लिए 4 करोड़ 80 लाख लोगों की हुई स्क्रीनिंग
चितरंजन कैंसर इंस्टीट्यूट, कोलकाता के लिए भी 500 करोड़ रुपए दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि सिकल सेल एलिमिनेशन प्रोग्राम यानी वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकार के लिए चार करोड़ 80 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है. इसके लिए विशेष किस्म के कार्ड एक करोड़ 65 लाख लोगों को जारी किए जा चुके हैं.
157 नए मेडिकल कॉलेज खुले, देश में 1.11 लाख हुई मेडिकल सीटों की संख्या
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 157 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं और देश में मेडिकल सीटों की संख्या 1.11 लाख हो गई है। इनके अलावा, 75 हजार और नई मेडिकल सीटों की व्यवस्था की जा रही है। इस वर्ष 40 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं, 75 नए सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक खोले गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा के झज्जर में विश्व स्तरीय कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया गया है, जो विश्व के सर्वोत्तम कैंसर इंस्टीट्यूट में से एक है.
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