CAG Report Problem: कैग रिपोर्ट ने एमपी में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा किया है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पंजीकृत कर्मचारियों की अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह सहायता राशि (Funeral and Ex-Gratia Amount) में गड़बड़ी पाई गई है. यह राशि कर्मकारों के परिजनों के बैंक खातों की जगह दूसरे खातों में जमा होने की जानकारी सामने आई है. साथ ही, भारत के नियंत्रक एंड महा लेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor General of India) के प्रतिवेदन में कई योजनाओं में भी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है.
क्या कह रही कैग की रिपोर्ट
कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा जारी कैग की रिपोर्ट में कल्याण योजना निधि में पंजीकृत कर्मियों के उत्तराधिकारी को अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह सहायता राशि के लिए संबंधित अधिकारी के पास निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होता है. इसी आवेदन पर संबंधित व सक्षम अधिकारी जांच के उपरांत मृत कर्मकार के उत्तराधिकारी के बैंक खाते में अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि जमा की जाती है. लेकिन, जांच में पाया गया कि एमपी में इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है, बल्कि राशि को दूसरे बैंक खातों में जमा किया गया है.
कैग रिपोर्ट क्या है?
CAG रिपोर्ट का मतलब उस रिपोर्ट से है, जो भारत के कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जाती है. CAG केंद्र सरकार, सरकारी कंपनियों और राज्य सरकार के विभागों के खातों की ऑडिटिंग के लिए जिम्मेदार होता है.
अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि भुगतान में गड़बड़ी
हाल ही में सामने आई कैग की रिपोर्ट बताती है कि अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि के भुगतान की नश्तियों और श्रम सेवा पोर्टल के आंकड़ों के विश्लेषण में एक बात साफ हुई है कि चयनित नगरीय निकायों में 142 प्रकरणों में संबंधित अधिकारियों ने 52 बैंक खातों में एक करोड़ 68 लाख रुपये जमा किए. लेकिन, यह खाते कर्मकार के उत्तराधिकारी के नहीं थे.
आपदा राहत राशि में भी गड़बड़ी
इतना ही नहीं, राज्य में प्राकृतिक आपदा के तहत प्रभावितों को सहायता राशि दी जाती है. राज्य के वर्ष 2018-19 से 2021-22 के अवधि के बीच 10 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि वितरित की गई. 13 जिलों को चयनित कर जब कैग ने अध्ययन किया, तो पता चला कि इन जिलों के कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों सहित अनाधिकृत व्यक्तियों को 23 करोड़ 81 लाख का अनाधिकृत वितरण किया गया. इसके लिए जाली डॉक्यूमेंट भी तैयार किए गए थे.
ये भी पढ़ें :- Indore: सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पहुंची 'खाकी' और 'काले कोट' की लड़ाई, यहां जानें तकरार की पूरी वजह
इंदौर में बड़ी गड़बड़ी
कैग रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया है कि इंदौर के ग्राम बांगड़दा में एक चैरिटेबल ट्रस्ट को शून्य रुपये प्रीमियम और एक रुपये वार्षिक पट्टा किराए पर सरकारी भूमि के आवंटन के परिणामस्वरुप 4 करोड़ 19 लाख के प्रीमियम और 4 लाख 18 हजार प्रति वर्ष के वार्षिक पट्टा किराए की हानि हुई है.
ये भी पढ़ें :- Railway के इंजीनियरों ने किया बड़ा कमाल, खराब मदरबोर्ड की इन हाउस मरम्मत कर रेलवे के बचा दिए 13 लाख रुपये, जानें कैसे