Chhatarpur Bulldozer Action: छतरपुर जिले के कोतवाली में हुई पत्थरबाजी (Stone Pelting) के मामले में कथित मुख्य आरोपी के 10 करोड़ रुपये के बंगले बुलडोजर (Bulldozer Injustice) चलाकर तहस-नहस कर दिया. इसके साथ ही उनके बंगले पर खड़ी तीन कीमती कारों को भी बुलडोज कर स्क्रैप कर दिया गया. अब फरार चल रहे कथित मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली (Haji Shahzad Ali) के खिलाफ जिला प्रशासन ने लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया है. इसके साथ ही उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके विभिन्न ठिकानों पर पुलिस छापेमारी भी की जा रही है. दरअसल, पुलिस उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहती है, लेकिन अभी तक वह पुलिस की पकड़ से दूर है.
इससे पहले बिना किसी सुनवाई, फैसले और नोटिस के छतरपुर प्रशासन (Chhatarpur District Administration) ने करीब 10 करोड़ रुपये से बनाई गई उसकी हवेली को ध्वस्त कर दिया था. 21 अगस्त को हुई इस घटना के बाद से पुलिस आरोपी शहजाद अली को लगातार तलाश रही है. पुलिस को इस बात का शक है कि कहीं आरोपी देश छोड़कर न चला जाए. इसलिए उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है.
ये है हाजी शहजाद की पूरी कहानी
हाजी शहजाद अंजुमन इस्लामिया कमेटी का पूर्व सदर और कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष है. ये 4 भाई हैं, जिनमें आरोपी हाजी शहजाद अली दूसरे नंबर का है. सबसे बड़े भाई हाजी आजाद अली हैं, जो वार्ड नंबर 24 से कांग्रेस पार्षद है. शहजाद हाजी अली दूसरे नंबर का भाई है. तीसरे नंबर का भाई फैयाज अली है, जो ठेकेदारी का काम करता है. चौथे नंबर और सबसे छोटे भाई है हाजी इम्तियाज अली, जो टायर का काम करता है.
शहजाद के अलावा आजाद अली का भी तोड़ा गया मकान
मोहन सरकार का बुलडोजर न सिर्फ आरोपी हाजी शहजाद अली के आलीशान बंगले पर चला, बल्कि उसके भाई आजाद अली का मकान भी तोड़ दिया गया था. आरोप है कि वह भी ज्ञापन देने के दौरान मौके पर मौजूद था. इसके अलावा मकान के अंदर रखी तीन कारों को भी क्रेन मशीन से बाहर निकाल कर तोड़ दिया गया था. बताया जा रहा है कि शहजाद अली का यह आलीशान बंगला निर्माणाधीन था, जिसकी वजह से वर्तमान में यहां कोई नहीं रहता था. इस भव्य महल की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये बताई जा रही है. जिन दोनों भाइयों के मकान पर बुलडोजर चला है, उन पर कोतवाली थाने में किए गए पथराव मामले में FIR भी दर्ज हुई है.
घर बनाकर उसमें रहने वाले थे सभी भाई
बताया जाता है कि जिस मकान को सरकार ने ध्वस्त किया है, उसे चारों भाई मिलकर बनवा रहे थे. मकान का एरिया लगभग 20 हजार स्क्वायर फिट था और निर्माण लगभग 10 हजार स्क्वायर फिट में हुआ था. कुछ महीनों में वे इस घर में रहने के लिए जाने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही छतरपुर पत्थरबाजी की घटना हो गई, जिसके बाद उनके अरमान इस घर के साथ मिट्टी में मिल गया है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, महाराष्ट्र के महंत रामगिरी महाराज ने इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे, जिसको लेकर लगभग 500-600 लोग थाने के बाहर इकट्ठा हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे. कुछ देर बाद मामला बिगड़ता देख मौके पर एडिशनल एसपी विक्रम सिंह परिहार और एडीएम मिलिंद नागदेव पहुंच गए और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को थाने से बाहर कर दिया. इसके बाद भीड़ गुस्सा गई और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. घटना में सिपाही भूपेंद्र प्रजापति, ASF का जवान राजेंद्र चढ़ार और TI अरविंद कुजूर गंभीर रूप से घायल हो गए.
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छत्तरपुर पुलिस का क्या कहना है
एसपी अगम जैन ने बताया कि आरोपी शहजाद अली को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले चार दिनों से प्रयास कर रही है. शहजाद अली के संबंध अन्य देशों में भी है, इसलिए लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है, ताकि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके.
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