Rare Child Birth In Betul : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में शनिवार को जन्म लेने वाला एक शिशु चर्चा का विषय बन गया. नवजात के पैर किसी जलपरी की तरह जुड़े होने की वजह से मेडिकल स्टाफ के लिए भी अचंभे जैसा था. इस तरह जन्म लेने वाले नवजात को मरमेड बेबी की तरह कहा जाता है. बच्चें के दोनों पैर मछलियों के पिछले पंख की तरह जुड़े हुए हैं. नवजात ने जन्म के 10 घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष किया. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
नवजात के दोनों पैर जुड़े हुए थे
जिला अस्पताल की जिस स्टॉफ नर्स ने इस बच्चे की देखरेख की उन्होंने बताया कि भैंसदेही ब्लॉक के खानापुर गांव से 19 वर्षीय महिला को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैंसदेही में भर्ती कराया गया था, जहां नार्मल प्रसव के बाद एक बेबी ने जन्म लिया. लेकिन नवजात के दोनों पैर जुड़े हुए थे, और मेडिकल उसकी स्थिति ठीक नहीं होने पर उसे सुबह करीब 9 बजे जिला अस्पताल रेफर किया गया था. जांच में पाया गया कि बच्चे को मेजर कंजेनाइटल माल फॉर्मेशन है. यह कन्जवाइन बेबी है. इसका नीचे का सिरा पूरा चिपका हुआ है, जिसकी वजह से उसका सेक्स डिटरमिनेशन( जननांगों की पहचान) नहीं हो रही थी. उसके नीचे के ऑर्गन भी मिक्स अप थे.
जांच में हार्ट डिजीज भी पाई गई
पहचानना मुश्किल है कि वह बालक है या बालिका है. परीक्षण में उसे हार्ट डिजीज भी पाई गई. यह दुर्लभ स्थिति है. इस तरह के मामले एक लाख में नवजातों में एक बच्चे में देखने को मिलता है. बताया जा रहा है कि जिस मां ने इस बच्चे को जन्म दिया है उसकी उम्र महज 19 साल है. आज सुबह भैंसदेही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसने इस बच्चे को जन्म दिया था. जन्म के समय इसका वजन सामान्य बच्चों से कम पाया गया.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने परमार दंपति के बच्चों से की बात, बेटे ने कहा- पापा ने झुकने के बजाय खुदकुशी करना चुना
सांस लेने में तकलीफ हो रही थी
महिला की यह पहली डिलीवरी है. बच्चों के साथ उसकी मां को भी भैंसदेही से बैतूल जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. जहां जच्चा की हालत सामान्य है. जबकि नवजात ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. डॉक्टर के मुताबिक उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जबकि उसका हार्ट भी ठीक से काम नहीं कर रहा था.