मोहन सरकार का बड़ा फैसला, शिवराज के बनाए हुए सभी निगम, मंडल व प्राधिकरण के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष हटाए गए

Big decision of Mohan government: मध्यप्रदेश में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में की गई निगम, मंडल, प्राधिकरण की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है. मंगलवार को इस संबंध में आदेश भी जारी हो गया है. 

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MP Government Big Decision : मध्य प्रदेश में मोहन सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए निगम, मंडल और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है. बाकायदा इसके लिए मंगलवार को आदेश भी जारी कर दिया गया है. अब माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद ही नई नियुक्तियां होंगी. 

46 नियुक्तियों को किया गया है रद्द 

बता दें कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार बनने के बाद साल 2021 में निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां हुई थी. इसके बाद अब फिर से मध्य प्रदेश में BJP की सरकार है, लेकिन सीएम से लेकर मंत्री बदल चुके हैं. ऐसे में अब पुरानी राजनीतिक नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया है. इन सभी को कैबिनेट और राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था. शिवराज सरकार में हुई इन 46 नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. लोकसभा चुनाव सिर पर है, ऐसे में मोहन सरकार के इस बड़े फैसले से पार्टी के अंदर गुटबाजी देखने को मिल सकती है.

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ये हटाए गए 

सरकार के निर्णय के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष नरेंद्र बिरथरे की नियुक्ति निरस्त की गई है.  राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सत्येंद्र भूषण सिंह को भी हटाया गया है.  इसके अलावा मध्य प्रदेश राज्य कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. बताया यह भी जा रहा है कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास सहित अन्य विकास प्राधिकरणों में नियुक्त किए गए अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति रद्द करने की भी तैयारी है. बता दें कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही निगम, मंडल, प्राधिकरणों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था. आपको बता दें कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार थीं, लेकिन मध्य प्रदेश में पहले भी भाजपा की सरकार थी. ऐसे में मध्यप्रदेश में भी पूर्व की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है. इस फैसले के बाद अब एमपी में सियासी चर्चाएं गरम हो गई हैं. 

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