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MP News: साहब ऐसे में बच्चे कैसे पहुंचेंगे स्कूल, इन्हें तो थमा दी गई पंचर और चैन टूटी साइकिलें

Cycle Distribution: मध्य प्रदेश में छात्र-छात्राओं को खराब साइकिलें बांटीं जा रही है. हालत ये है कि बच्चे साइकिल लेने के बाद चढ़कर जाने के बजाय लुढका कर ले जाते दिखे. दरअसल, किसी साइकिल की टैन टूटी हुई थी, तो कोई साइकिल पंक्चर थी.

MP News: साहब ऐसे में बच्चे कैसे पहुंचेंगे स्कूल, इन्हें तो थमा दी गई पंचर और चैन टूटी साइकिलें

Madhya Pradesh News: सुदूर क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) शासन की योजना के तहत साइकिल वितरण (Cycle Distribution) किया जा रहा. सरकार की इस योजना से लाभान्वित होने वाले छात्र-छात्राओं को उम्मीद थी कि अब वे आसानी से अपने स्कूल जा सकेंगे. हालांकि, प्रशासनिक लापरवाही के चलते उनके इन उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. दरअसल, ज्यादातर बच्चों को पंचर और चैन टूटी साइकिल थमा दी गई, जिस से बच्चों की मुश्किलें बढ़ गई है. हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है.

धार जिले साइकिल वितरण योजना में बड़ी लापरवाही सामने आ रही हैं. ताजा मामला जिले के धरमपुरी तहसील मुख्यालय की कन्या शासकीय स्कूल का है, जहां स्कूल परिसर में बुधवार को साइकिल वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान बच्चों को शासन की ओर से प्राप्त साइकिल वितरित की गई. हालांकि, साइकिल वितरण के कार्यक्रम में बड़ी लापरवाही देखने को मिली. बच्चों को जो साइकिल वितरित की गई थी, वह साइकिल पूरी तरह से पंचर थी. साइकिलों के टायर में हवा भी नहीं थी, तो कुछ साइकिलों की चैन भी पूरी तरीके से टूटी हुई थी.

बच्चों को पकड़ा दी गई खराब साइकिल

साइकिल वितरण कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चे साइकिल में हवा भरते हुए और चैन टूटी साइकिल पैदल ले जाते भी मीडिया के कैमरे में कैद हो गए. इस मामले में अब धरमपुरी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी वीर सिंह राजपूत ने कहा हमारे यहां से विकासखंड शिक्षा कार्यालय से प्राचार्यों को जो भी साइकिल दी जाती है, वह चेक कर के पूरी कंप्लीट साइकिल दी जाती है. हमने प्राचार्य महोदय को संकुल केंद्र को 16 अक्टूबर को साइकिल प्रदान कर दी गई थी. अब उन्होंने वितरण किया है. अगर इन साइकलों में से किसी में कोई कमी थी, तो उसे पूर्ण करा कर देना था.

अब बदले जाएंगे साइकिल

वहीं, इस पूरे मामले में सीएम राइज स्कूल की प्राचार्य नीता श्रीवास्तव का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान मैंने यह त्रुटियां नहीं देखी है, न ही बच्चों ने मेरे संज्ञान में लाई है. मेरे संज्ञान में अभी आपके जरिए आई हैं. अगर ऐसा हुआ है तो इसकी पूरी जवाबदारी साइकिल वितरण करने वाली कंपनी की रहती है. हम गुरुवार को बच्चों की जो भी कमी है. उनको दूर कर फिर से साइकिल प्रदान करने के आदेश दूंगी. ऐसे में ये बड़ा सवाल उठता है कि  जब साइकिल पूर्ण रूप से कंप्लीट नहीं हुई थी, तो ऐसी अपूर्ण साइकिलें बच्चों को क्यों वितरित कर दी गई. 

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