Madhya Pradesh News: एसआईआर के बाद मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी बवाल चल रहा है. कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव रद्द करने की मांग की है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि जीतू पटवारी कोर्ट जाना पड़ेगा तो कोर्ट भी जाएंगे. आइए जानते हैं पूरा मामला...
कांग्रेस की SIR निगरानी समिति के अध्यक्ष सज्जन सिंह वर्मा का बड़ा बयान सामने आया है. उनका कहना है कि मध्य प्रदेश में चल रही SIR की प्रक्रिया में 43 लाख नाम काटे गए, तो साढ़े 8 लाख नाम मिल नहीं रहे हैं. ऐसे में 51 लाख वोटर के नाम गायब हैं, जो निर्वाचन आयोग ने जारी किए आंकड़े में सामने आया है.इन्हीं वोटर लिस्ट के आधार पर मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव कराए गए.
उनका आरोप है कि वहीं 2023 में बीजेपी को कांग्रेस से केवल 34 लाख वोट ज्यादा मिले, और उनकी सरकार बनी. जिससे साफ जाहिर होता है कि, निर्वाचन आयोग की मिली भगत से बीजेपी ने एमपी में सरकार 2023 में बनाई है.
कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि हमारी निर्वाचन आयोग से मांग है कि, साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव को रद्द किया जाए. निर्वाचन आयोग मांग पर ध्यान नहीं देता है, तो हम न्यायालय की शरण लेंगे और इस लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ेंगे...सज्जन सिंह वर्मा के बयान को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि लगभग है 43 लाख नाम कम हैं, 8 लाख नाम जांच के घेरे में है..जिसके सबूत मांगे जाएंगे. ऐसे में 50 से 51 लाख नाम कम होना और कांग्रेस का 30 से 31 लाख वोट से चुनाव हारना...यानी फिर भी 20 लाख वोट का डिफरेंसेस है लगभग. तो इसका मतलब क्या है? यानी जांच के घेरे में तो है. पार्टी सोच समझ के निर्णय लेकर कोर्ट जाना होगा तो जाएगी.