भोपाल में बैन हुआ आंख फोड़ू कार्बाइड गन, अकेले राजधानी में पांच दर्जन से अधिक मासूम हुए हैं शिकार

Carbide Gun Banned In Bhopal:आंख फोडू गन (कैल्शियम कार्बाइड गन) की उपयोग पर जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने धारा-163 के तहत प्रतिबंध लगाया है. कलेक्टर ने अब ऐसे गन्स की बिक्री, खऱीद और भंडारण करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है. 

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BHOPAL COLLECTOR KAUSHALENDRA VIKRAM SINGH ISSUED ORDER OF BANNING CARBIDE GUN IN CAPITAL, MP

Ban On Dangerous Gan: दीपावली के मौके पर भोपाल में 'खतरनाक' कैल्शियम कार्बाइड गन के इस्तेमाल से आंखों की रोशनी छीनने वाले आंख फोडू गन पर राजधानी भोपाल में प्रतिबंध लग चुका है. जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने प्रतिबंधित गन की बिक्री, खरीद भंडारण करने वाले के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया है.

आंख फोडू गन (कैल्शियम कार्बाइड गन) की उपयोग पर जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने धारा-163 के तहत प्रतिबंध लगाया है. कलेक्टर ने अब ऐसे गन्स की बिक्री, खऱीद और भंडारण करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है. 

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भोपाल में आंख फोड़ू गन से चोटिल हुए थे 60 से अधिक मासूम

गौरतलब है दिवाली की रात अकेले राजधानी भोपाल में आंख फोड़ू गन से 60 से अधिक लोग चोटिल हुए थे, जिन्हें राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा हैं. प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड गन से घायल हुए बच्चों में अधिकांश 8 से 14 साल के मासूम बच्चे हैं. गन के इस्तेमाल से बच्चों का चेहरा झुलस गया और आखों को नुकसान पहुंचा है. 

भोपाल जिला कलेक्टर ने हमीदिया अस्पताल का दौरा किया

रिपोर्ट के मुताबिक आंख फोडू गन पर प्रतिबंध का आदेश जारी करने के बाद जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह गुरुवार को हमीदिया अस्पताल का दौरा किया, जहां कार्बाइड गन से पीड़ित मासूमों को इलाज चल रहा है. जिला कलेक्टर ने पीड़ित मरीजों के परिजनों से मुलाकात की और बच्चों से उनका कुशलेक्षेम पूछा. 

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जिला कलेक्टर द्वारा आंख फोडू गन पर प्रतिबंध का आदेश जारी होने के बाद अब ऐसे गनों की खरीद, बिक्री और भंडारण करने वाले पर कार्रवाई तेज हो गई है. जारी आदेश के बाद सभी एसडीएम और पुलिस अफसरों को पटाखा दुकानों में जाकर कार्बाइड गन का स्टॉक चेक रहे हैं. 

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बाजार में बिक रही आंख फोडू गन ने खराब की मासूमों की दिवाली

उल्लेखनीय है दिवाली के त्योहारों में पटाखे चलाने से चोटिल होने की खबरें आम होती है, लेकिन इस दिवाली बाजार में आई कैल्शियम कार्बाइड गन ने खासकर मासूमों की दिवाली खराब कर दी है. उनके लिए कैल्शियम कार्बाइड गन का इस्तेमाल बहुत खतरनाक रहा. कई बच्चों की आंखों की रोशनी तक छिनने की नौबत आ चुकी है.

'कार्बाइड पाइप गन' काफी खतरनाक बता चुके हैं सीएमएचओ

राजधानी भोपाल में कार्बाइड गन के इस्तेमाल से विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 8 से 14 वर्षीय बच्चों के पुरसाहाल पर प्रतिक्रिया देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों के चेहरे झुलस गए हैं तो कुछ के आंखों की रोशनी भी खतरे में पड़ गई है. भोपाल के सीएमएचओ ने जारी कर 'कार्बाइड पाइप गन काफी खतरनाक बताया है.

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सीएमएचओ के मुताबिक कार्बाइड गन के इस्तेमाल से राजधानी में 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिन्हें राजधानी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका अभी भी इलाज जारी है. हालांकि सीएमएचओ ने आश्वस्त किया है कि चोटिल हुए सभी लोग सुरक्षित हैं.

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पूरे भोपाल शहर में ऐसे 150 से अधिक मामले सामने आए

एक अधिकारी ने बताया कि दीपावली के अगले दिन पूरे भोपाल शहर में ऐसे 150 से अधिक मामले सामने आए थे, जिनमें से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया, जबकि एम्स में भर्ती 12 वर्षीय बच्चे की आंखों की रौशनी लौटाने के लिए चिकित्सकों की टीम प्रयासरत है.

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परिजनों ने गन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की मांग की थी

खतरनाक गन के इस्तेमाल से चोटिल हमीदिया अस्पताल में भर्ती दो बच्चों की आंखों की रोशनी को वापस लाने के लिए डाक्टर्स संघर्षरत है. यहां करीब 10 बच्चे भर्ती हैं. हमीदिया अस्पताल में भर्ती 14 साल के हेमंत पंथी और 15 साल के आरिस के परिजनों ने ‘गन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की मांग की थी.

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गैस लाइटर, प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल से निर्मित कार्बाइड गन में भरा कैल्शियम कार्बाइड जैसे ही पानी से मिलता है तो एसिटिलीन गैस बनाता है और चिंगारी मिलते ही विस्फोट होता है. इससे गन का उपयोग करने वाले शख्स को जबर्दस्त नुकसान होता है.

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आंखों, चेहरे और त्वचा के लिए ज्यादा खतरनाक है गन

जानकारों ने बताया कि विस्फोट से पाइप के टूटने पर निकलने वाले छोटे-छोटे प्लास्टिक के टुकड़े छरों की तरह शरीर में घुसकर गंभीर चोटें करते हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों को नुक़सान पहुंचाते हैं, विशेषकर आंखों, चेहरे और त्वचा के लिए ज्यादा खतरनाक बन जाता है. 

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मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद बाजार में धड़ल्ले से बिका

सीएमएचओ शर्मा ने बताया कि प्रशासन लगातार कार्बाइड गन बेचने और बनाने वालों पर कार्रवाई कर रहा है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 18 अक्टूबर को अधिकारियों के साथ एक बैठक में प्रदेश के जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि कार्बाइड पाइप गन की बिक्री ना हो, लेकिन बाजारों में धड़ल्ले से बिका।

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