MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित न्यू मार्किट के व्यापारियों ने एक अनोखी पहल की है. न्यू मार्केट शहर के सबसे व्यस्त जगहों में गिना जाता है. कई बार यहां खरीदारी करने आए बच्चे और वयस्क लोगों के लापता होने से परिजनों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों की मदद करने के लिए व्यापारियों ने एक अनोखा कदम उठाया है. यहां एक सूचना केंद्र स्थापित किया गया है जो कमलापति शॉपिंग सेंटर में है. यहां हर समय एक कर्मचारी मौजूद रहता है. न्यू मार्किट सेक्रेटरी शशांक जैन से बातचीत में पता चला कि कैसे यह केंद्र काम करेगा, क्या थी वजह इसे बनाने के पीछे और अब तक कितने लोगों को इसका फायदा मिला, आइए जानते हैं?
सफलता मिली तो स्पीकर बढ़ाए
न्यू मार्किट की भीड़ में कई बार छोटे बच्चे और बुज़ुर्ग अपने परिवार वालों से अलग हो जाने से "पैनिक" जैसे हालत बन जाते थे. 2018 से शुरू हुए इस पहल से अभी तक लगभग 60 बच्चे और 25 बुज़ुर्गो को अपने घर वालों से मिलवाया गया है. हाल ही में अनाउंसमेंट करने वाले स्पीकर की मात्रा बढ़ाई गई है. 4 स्पीकर से शुरू हुए इस अभियान को अब बढ़ाकर 10 कर दिया गया हैं.
वैष्णो देवी मंदिर से आया आईडिया
सेक्रेटरी शशांक जैन बताते हैं कि साल 2017 में व्यापारी कमल गौर वैष्णौ देवी मंदिर घूमने गए थे. जहां उनका बेटा खो गया था. जिसके बाद अनाउंसमेंट की मदद से वे दोबारा मिले.
ऐसे काम करता है ये सूचना केंद्र
दोपहर 12 बजे से लेकर रात 10 बजे तक एक कर्मचारी यहां मौजूद रहता हैं, 30 CCTV से लैस यह केंद्र रानी कमलापति शॉपिंग सेंटर में स्थित हैं. 60 से ज़्यादा बच्चे और 25 से ज़्यादा बुज़ुर्ग इस सेवा की मदद से अपने घर जा चुके हैं. नागरिकों के अलावा पुलिस भी इन कैमरों के फुटेज से चोरी आदि के मामले सुलझाती हैं.
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इस तरह मिल रही है मदद
एक वाकया का ज़िक्र करते हुए सेक्रेटरी ने बताया- "न्यू मार्केट में एक छोटी सी चार साल की बच्ची अपने माता-पिता के पास से खो गई थी और वो न्यू मार्केट के गेट के पास एक महिला को मिली थी. जो उसको मेरे पास ले आई और फिर हमने अपने मार्केट के कॉल सेंटर से उसका नाम अनाउंस करवाया और 10 मिनट के बाद ही उसके पापा लेने आ गए.
इसी के साथ बीते शनिवार एक वृद्ध महिला नीलम जायसवाल मार्केट में खो गई थी, जो भटकते हुए एक दुकान पहुंची. एक घंटे के अंदर उन्हें अनाउंसमेंट की मदद से परिजनों से मिलवाया गया. अभी तक लगभग 60 बच्चे और 25 बुज़ुर्ग इसकी सहायता से अपने घर जा चुके हैं.
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