भोपाल गैस कांड: 36 साल में पहली बार 'हत्यारी' कंपनी का प्रतिनिधि अदालत में होगा पेश

36 साल में पहली बार भोपाल को जख्म देने वाली कंपनी के प्रतिनिधि शहर की अदालत में पेश होंगे. गैस हादसे (Bhopal gas accident) के आपराधिक मामले में डाव केमिकल कंपनी (Dow Chemical Company)को भोपाल जिला अदालत का समन तामील हो गया है.

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Bhopal Gas Tragedy: 36 साल में पहली बार भोपाल को जख्म देने वाली कंपनी के प्रतिनिधि शहर की अदालत में पेश होंगे.गैस हादसे (Bhopal gas accident) के आपराधिक मामले में डाव केमिकल कंपनी (Dow Chemical Company)को भोपाल जिला अदालत का समन तामील हो गया है. गैस पीड़ितों के लिये काम करने वाले संगठनों की मांग है कि CBI पिछले 22 सालों से एक भगोड़े अपराधी को शरण देने के लिए यूनियन कार्बाइड (union carbide) के मालिक अमरीकी डाव केमिकल को ऐसी सज़ा दिलवाए कि वह एक मिसाल बने.

इंटरनेशनल सपोर्ट का शुक्रिया

भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा रशीदा बी (Rashida B) ने कहा-पिछले 36 सालों में पहली बार, कोई विदेशी आरोपी भोपाल गैस हादसे के आपराधिक मामले का जवाब देने के लिए अदालत में पेश होगा,भोपाल में इंसाफ के अंतर्राष्ट्रीय मुहिम के हमारे समर्थकों की कोशिशों की वजह से अमरीकी संसद के 12 सदस्यों ने हमारा समर्थन किया. जिसकी बदौलत ही ये संभव हो सका है. 

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 'कई मामलों में दोषी है कंपनी'

भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव (Balkrishna Namdev) ने कहा-विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए 1987 में CBI ने यूनियन कार्बाइड पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया जिसमें 10 साल की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान है.

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फरवरी 1992 में  भोपाल जिला अदालत द्वारा यूनियन कार्बाइड को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया. 2001 में यूनियन कार्बाइड को अधिग्रहित कर डाव केमिकल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत 3 साल की जेल और जुर्माने का भी अपराध किया है.

'डाव केमिकल भी जवाबदेह है'

भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने कहा है कि हम जानते हैं कि CBI ने पुष्टि की है कि यूनियन कार्बाइड के "उत्तराधिकारी" के रूप में, डाव केमिकल भोपाल जिला अदालत में हत्यारी कार्बाइड के खिलाफ लंबित आरोपों के लिए जवाबदेह है. वास्तव में  भोपाल अदालत में पेश होने  वाली कंपनी भारतीय दंड संहिता की धारा 107 के तहत अपराध के लिए उकसाने के आरोप के लिए भी जवाबदेह है क्योंकि उन्होंने 1992 के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी  के भारत में कार्बाइड की संपत्तियों की कुर्की के आदेश के बाद भी भारत में यूनियन कार्बाइड के उत्पादों की बिक्री के लिए सभी साधन प्रदान किए थे. 

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