'आपका आदेश एक छलावे के अलावा और कुछ नहीं है...', कर्मचारियों के 3 करोड़ रुपये से अधिक बकाया पर हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर को लगाई फटकार

Bhind Collector Case: भिंड जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के एक आदेश को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि कलेक्टर द्वारा 28 फरवरी 2025 को जारी किया गया आदेश केवल एक छलावा है. आइए आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.

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ग्वालियर हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर को लगाई फटकार

Gwalior High Court News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड में लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के मामले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव (Sanjeev Shrivastav) को एक बार फिर फटकार लगाई है. ग्वालियर हाईकोर्ट (Gwalior High Court) ने कलेक्टर पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा है कि 28 फरवरी 2025 का आदेश एक छलावे के अलावा और कुछ नहीं है. इसे कोर्ट को गुमराह करने के इरादे से पारित किया गया है. पिछले महीने भी इसी मामले में दूसरे कर्मचारी के भुगतान के लिए हाईकोर्ट ने कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाई थी. उन्हें अक्षम अधिकारी बताया था. 

भिंड जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव

क्या है भिंड कलेक्टर से जुड़ा पूरा मामला

दरअसल, भिंड के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में पदस्थ एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों का विभाग पर करोड़ों का भुगतान अटका था. इसको लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में मामला चल रहा है. हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों की अनुमानित राशि 3 करोड़ 50 लाख रुपये मानी और भिंड कलेक्टर संजीव को भुगतान कराने का आदेश दिया था. लेकिन, कलेक्टर ने हाइकोर्ट के आदेश को नजरअंदाज कर दिया. पीडब्ल्यूडी कर्मचारी सुभाष सिंह भदौरिया ने अपने वेतन का बकाया लेने के लिए हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने कलेक्टर को तलब किया. 

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कोर्ट ने जताई नाराजगी

बुधवार को भिंड कलेक्टर न्यायालय में उपस्थित हुए. कोर्ट ने उनका जवाब सुनने के बाद नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों के भुगतान के लिए अनुमानित (आरआरसी) जारी हो चुकी है. बावजूद इसके पैसा नहीं दिया गया. कोर्ट ने कहा कि भिंड कलेक्टर ने पहले भी न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भिंड में पीडब्ल्यूडी की कोई संपत्ति ही नहीं है. जब कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया, तो कलेक्टर को अपनी गलती का अहसास हुआ. 

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पहले भी कर चुके हैं हाईकोर्ट को गुमराह

यही हालत लोक निर्माण विभाग में पदस्थ दूसरे कर्मचारी शिवपारवती श्रीवास्तव की है. शिवपारवती का सालों से वेतन नहीं दिया जा रहा था. उसका विभाग पर 12.10 लाख रुपये था, जिसको लेकर ऊपर तक सारे अधिकारियों के दरबाजे खटखटा चुका था. फिर कर्मचारी शिवपार्वती ने ग्वालियर हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने जिसको लेकर भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को तलब किया और कर्मचारी को पूरा भुगतान करने का आदेश दिया था. कलेक्टर ने भी कोर्ट से पूरा भुगतान करने का वादा किया था. लेकिन, उसके बावजूद कर्मचारी को भुगतान नहीं मिला. 

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