PCC चीफ जीतू पटवारी ने MP सरकार पर लगाए आरोप! जानिए क्यों कहा- किसान पहले, पार्टी बाद में

Sehore News: जीतू पटवारी ने कहा कि किसानों को साहूकारों से उच्च ब्याज पर कर्ज लेना पड़ रहा है. जबकि सरकारी योजना समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की थी, यह पूरी तरह विफल रही. खाद, बीज, कीटनाशक और डीजल की महंगाई ने किसानों की लागत को तीन गुना बढ़ा दिया. पटवारी ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरी तरह असफल रहा.

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PCC चीफ जीतू पटवारी ने MP सरकार पर लगाए आरोप! जानिए क्यों कहा- किसान पहले, पार्टी बाद में

MP News: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) अचानक कृषि उपज मंडी आष्टा पहुंच गए और किसानों से चर्चा की. उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को हर हाल में मदद मिलनी चाहिए, चाहे वे किसी पार्टी के हों या नहीं. पटवारी ने विशेष कैबिनेट बैठक बुलाकर प्रत्यक्ष 20,000 रुपये प्रति एकड़ भुगतान और फसल नुकसान का सर्वे कराने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार यह राशि देती है, तो वह मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री का अभिनंदन करेंगे.

भावांतर को लेकर क्या कहा?

जीतू पटवारी ने सोयाबीन किसानों के लिए घोषित 5300 रुपये की भावांतर योजना को लेकर कहा कि यह योजना किसानों के लिए भ्रमित करने वाली साबित हुई. किसानों को केवल 700 रुपये का भुगतान मिला जबकि 5300 रुपये का वादा किया गया था. इससे किसानों में गहरी निराशा और आक्रोश पैदा हुआ है. मंडी में किसानों ने बताया कि जिनके पास चार एकड़ जमीन है, उन्हें मात्र 4 क्विंटल सोयाबीन प्राप्त हुआ. समर्थन मूल्य 3950 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से उन्हें केवल 16,000 रुपये मिले, जबकि सही उपज और भाव होने पर 80,000 रुपये मिल सकते थे. फसल की खराबी और कम भाव ने आर्थिक संकट को और बढ़ा दिया.

प्रत्यक्ष भुगतान की सख्त मांग

जीतू पटवारी ने स्पष्ट कहा कि किसानों को भावांतर योजना में उलझाने की बजाय प्रति एकड़ 20,000 रुपये सीधे उनके खातों में जमा किए जाने चाहिए. इससे किसान अपने परिवार का जीवन यापन कर सकेंगे और आर्थिक संकट से उबर पाएंगे. उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री मोहन यादव से तत्काल कदम उठाने की अपील की. उन्होंने भावांतर योजना की विफलता और MSP से किसानों को नहीं मिलने वाले लाभ को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की.

आत्महत्याओं का असर

जीतू पटवारी ने खंडवा और उज्जैन में किसानों की आत्महत्याओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि संकट केवल सोयाबीन तक सीमित नहीं है. प्याज और लहसुन के किसानों की स्थिति भी गंभीर है, जहां प्याज फेंकने की नौबत आ गई और लहसुन के दाम गिरे हुए हैं. इससे किसानों पर दबाव और बढ़ गया है और आर्थिक असुरक्षा गहरी हुई है.

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सरकारी योजनाओं की विफलता गिनाई

जीतू पटवारी ने कहा कि किसानों को साहूकारों से उच्च ब्याज पर कर्ज लेना पड़ रहा है. जबकि सरकारी योजना समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की थी, यह पूरी तरह विफल रही. खाद, बीज, कीटनाशक और डीजल की महंगाई ने किसानों की लागत को तीन गुना बढ़ा दिया. पटवारी ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरी तरह असफल रहा.

कांग्रेस नेताओं का समर्थन

प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ मंडी में कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे, जिनमें प्रदेश किसान अध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान, जिला अध्यक्ष राजीव गुजराती, प्रदेश महासचिव शैलेंद्र पटेल, अखिल भारतीय सदस्य हरपाल ठाकुर, ब्लॉक अध्यक्ष जितेंद्र शोभाखेड़ी, नगर अध्यक्ष जाहिद खान गुड्डू सहित अन्य दर्जनों नेता शामिल थे. इस अवसर पर उन्होंने किसानों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना. पटवारी ने मंडी सचिव को किसानों के साथ किसी भी प्रकार की अनियमितता रोकने के निर्देश भी दिए.

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